चिड़ियाघर में गैंडों से मिलने पहुंचे सीएम योगी ने दोनों गैंडों को केला खिलाया, फिर हरी पत्तियां खिलाईं, उन्हें सहलाया और दुलार किया। उसके बाद दोनों गैंडे बाड़े में भीतर की तरफ चले गए। करीब 14 मिनट तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चिड़ियाघर में गैंडे के बाड़े के पास रहे।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के सीएम सिटी कहे जाने वाले वाले गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शुक्रवार को भी प्रवास रहा। इस बीच सीएम योगी गोरखपुर के चिड़ियाघर में असम से आए 2 नए मेहमानों से विशेष तौर पर मिलने पहुंचे। आपको बता दें कि शुक्रवार के ही दिन असम से हर और गौरी नाम के दो गैंडों को लाया गया। चिड़ियाघर में गैंडों से मिलने पहुंचे सीएम योगी ने दोनों गैंडों को केला खिलाया, फिर हरी पत्तियां खिलाईं, उन्हें सहलाया और दुलार किया। उसके बाद दोनों गैंडे बाड़े में भीतर की तरफ चले गए। करीब 14 मिनट तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चिड़ियाघर में गैंडे के बाड़े के पास रहे। गोरखपुर चिड़ियाघर में आए दोनों मेहमानों को देखकर वहाँ मौजूद जोड़ आश्चर्यचकित होने के साथ बेहद खुश हुए।
हर और गौरी नाम के दोनों गैंडों को सीएम योगी ने कुछ इस तरह से बुलाया
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री से पूर्व वहां मौजूद चिड़ियाघर के कर्मचारी व अधिकारियों ने हर गौरी को बुलाने के लिए आवाज दी, लेकिन उनके प्रयास का जब कोई असर नहीं दिखा तो मुख्यमंत्री ने खुद हर और गौरी को आवाज दी। सीएम योगी बाड़े के पास खड़े होकर 'गौरी इधर आओ... ऐ हर तुम भी इधर आओ' कहते हुए दोनों गैंडों को आवाज देने लगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलावे पर दोनों गैंडे उनके पास आ गए, जिसे देखकर आसपास के अफसरों और कर्मचारियों को बेहद अचम्भा हुआ।
मुख्यमंत्री के प्रयास पर ही गोरखपुर आए हर और गौरी
इसके साथ ही आपको बता दें कि बीते बुधवार को मुख्यमंत्री योगी के ही विशेष प्रयास पर चिड़ियाघर में असम से दो गैंडों को लाया गया। गैंडे का गोरखपुर चिड़ियाघर में आना एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। परम्परा है कि प्रदेश के बाहर से चिड़ियाघर में जानवर बदले में ही आते हैं। चिड़ियाघर से जब कोई जानवर बदले में प्रदेश के बाहर के चिड़ियाघर को भेजा जाएगा तो उसके बदले में उन्हें जानवर मिलता है। गैंडे जैसे महत्वपूर्ण जानवर के लिए माना जाता है कि उसके बदले में संबंधित चिड़ियाघर को दो से तीन शेर या बाघ देने होंगे, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष प्रयासों की देन है कि गोरखपुर चिड़ियाघर को बिना कोई जानवर दिए ही असम के गुवाहाटी से दो गैंडे मिल गए। दोनों की उम्र कम है।
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