
हटके डेस्क: बुराई चाहे कितनी भी ताकतवर क्यों ना हो, एक ना एक दिन अच्छाई के सामने हार जाती है। भले ही इसमें समय ज्यादा लगे, लेकिन एक ना एक दिन सच जीत ही जाता है। रावण इसी बुराई का प्रतीक माना जाता है। रावण असल में राम से भी ज्यादा शक्तिशाली था। लेकिन आखिर में भगवान राम के हाथों उसे हार का मुंह देखना पड़ा। आखिर क्यों? ऐसा इसलिए कि रावण शक्तिशाली होने के कारण भी गलत था। जबकि राम बानर सेना की साथ होने के बावजूद सही थे। इसलिए उनकी जीत हुई।
रावण से जुड़ी कई भ्रांतियां
रावण के बारे में सबको पता है कि उसने माता सीता की सुंदरता से प्रभावित होकर उनका अपहरण कर लिया था। इसके बाद वो सीता को लंका ले आया और बंदी बना लिया। रावण के बारे में कई गलतफहमी भी लोगों को है। हम सभी रावण को दशानन के नाम से भी जानते हैं। लेकिन क्या वाकई रावण के 10 सर थे?
10 सिर का राज
कुछ विद्वानों के मुताबिक, रावण के 10 सिर नहीं थे। वप सिर्फ एक भ्रम था, जिसके कारण लोगों को उसके 10 सिर नजर आते हैं। जैन शास्त्रों का विश्वास करें तो रावण अपने गले में बड़ी-बड़ी नौ गोलाकार मणियां धारण करता था। इन मणियों में उसका सिर दिखाई पड़ता था, जिससे 10 सिर का भ्रम पैदा होता था।
काफी शक्तिशाली था रावण
रावण की शक्ति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने अपने पुत्र मेघनाथ के जन्म से पहले सभी ग्रह-नक्षत्रों को अपने मुताबिक सजा लिया था। लेकिन आखिरी वक्त में शनि ने अपनी चाल बदल ली थी। जिस कारण मेघनाथ अमर नहीं हो पाया। इसके बाद रावण ने शनि को अपने पास बंदी बना लिया था।