चुनाव में धड़ल्ले से टूटते हैं ट्रैफिक नियम, इस तरह नेता करते हैं मनमानी

चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी है। दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को चुनाव होंगे। लेकिन तब तक इन राज्यों में आचार संहिता लागू रहेगी। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 21, 2019 8:51 AM IST

भोपाल: भारत में चुनाव के दौरान जमकर रैलियां होती हैं। इस दौरान सड़कों पर आए दिन किसी ना किसी पार्टी की तरफ से रैली निकाली जाती है। लेकिन बात अगर नियमों की करें, तो इन रैलियों में ट्रैफिक नियमों को ताक पर रख दिया जाता है। भारत में 1 सितंबर से नए ट्रैफिक नियम लागू हुए हैं। इसके तहत हर अपराध के जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अब होने वाले चुनावों में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर नेताओं से भी जुर्माना वसूला जाएगा? 

होते हैं गैर-कानूनी रोड शो
नियम के मुताबिक, रोड शो के दौरान ट्रैफिक नियमों का पालन करना जरुरी होता है। साथ ही रोड शो छुट्टियों में या उस वक्त किया जाता है, जब आम जनता को परेशानी ना हो। इसके अलावा स्कूल, अस्पताल, ब्लड बैंक जैसे इलाकों में रोड शो का आयोजन नहीं किया जाता।  इसके अलावा काफिले में 10 से ज्यादा गाड़ियां नहीं होनी चाहिए। लेकिन ऐसा होता नहीं है। हर चुनावी रोड शो में नियमों का उल्लंघन धड़ल्ले से होता है। लेकिन इसके बाद किसी नेता पर जुर्माना नहीं लगाया जाता है।  

रथ यात्राएं भी गैरकानूनी 
अगर ट्रैफिक नियमों की बात करें, तो अगर आम आदमी अपनी गाड़ी में कोई कैरियर भी लगवा लेता है तो उसका चालान हो जाता है। लेकिन जिन विशाल रथों पर बैठकर नेता चुनाव का प्रचार-प्रसार करते हैं, उसपर कोई चालान नहीं होता। इन रथों को मोटर वाहन कानून के तहत कोई मान्यता नहीं दी गई है। 

बाइक रैलियों में होता है ऐसा 
चुनाव के दौरान बाइक रैलियां आयोजित होती है। इसमें शामिल लोग ना हेलमेट पहनते हैं, ना अन्य नियम मानते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि इस बार नए नियमों के बाद इन लोगों से जुर्माना वसूला जाएगा या नहीं? 
 

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