भारत का हर चौथा 'भिखारी' है मुस्लिम, मर्दों से ज्यादा औरतें बुर्का पहन मांगती हैं भीख

भारत में अगले साल यानी 2021 में जनगणना की जाएगी। इसमें देश की जनसंख्या से लेकर तमाम तरह के जानकारी इक्कठा की जाएगी। 10 साल में एक बार देश में जनगणना की जाती है। यानी आखिरी बार इसे 2001 में किया गया था। (तस्वीर प्रतीकात्मक है)

Asianet News Hindi | Published : Jan 5, 2020 11:28 AM IST / Updated: Jan 06 2020, 11:20 AM IST

हटके डेस्क: ट्रैफिक सिग्नल हो या मंदिर की सीढ़ियां, भिखारियों से आपका कभी ना कभी वास्ता जरूर पड़ा होगा। भारत के बड़े शहरों में अक्सर आपको भीड़भाड़ वाली जगहों पर भिखारी मिल ही जाते होंगे। ऐसे में आपके दिमाग में ये बात भी आती होगी कि भारत में कितने भिखारी है? सरकारी आंकड़े बताते हैं कि देश में भिखारियों की जनसंख्या 3.7 लाख है।


2001 की जनगणना का है आंकड़ा 
दस साल में एक बार  भारत में जनगणना की जाती है। 2001 के  सरकारी आंकड़े में एक चौंकाने वाली बात सामने आई। और वो ये कि भिखारियों की कुल जनसंख्या में हर चौथा भिखारी मुसलमान है। यानी भिखारियों की कुल जनसख्या में 25 फीसदी मुस्लिम हैं। आंकड़ो के मुताबिक भिखारियों में से 72.2 फीसदी हिंदू हैं और कुल जनसंख्या में उनकी हिस्सेदारी 79.8 फीसदी है। इसके अलावा धार्मिक आधार पर आंकड़ो की बात करें तो भारत की आबादी में ईसाईयों की जनसंख्या 2.3 फीसदी है और भिखारियों की जनसंख्या 0.88 फीसदी है। इसके अलावा कुल 3.7 लाख भिखारियों में 0.25 फीसदी बौद्ध, 0.45 फीसदी सिख और 0.06 फीसदी जैन हैं।

पुरुषों से ज्यादा महिलाएं 
आंकड़ो के मुताबिक मुस्लिम भिखारियों में महिलाओं की जनसंख्या सबसे ज्यादा है। जबकि बाकी धर्मों के भिखारियों में मर्द ज्यादा हैं। औसतन कुल भिखारियों में 53.13 फीसदी पुरुष हैं और 465.87 फीसदी महिलाएं हैं जबकि मुस्लिम भिखारियों में 43.61 फीसदी पुरुष और 56.38 फीसदी महिलाएं हैं।

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