रातभर में समुद्र किनारे भर गए अंडे ही अंडे

समुद्र तटों, नदियों, पहाड़ों और जंगलों में कभी-कभी ऐसी चीजें देखने को मिल जाती हैं, जिनकी सही वजह वैज्ञानिक भी नहीं समझ पाते हैं। ऐसा ही फिनलैंड के एक समुद्र तट पर हुआ, जहां रात भर के भीतर ही अंडे के आकार की चीजें चारों ओर फैली हुई थीं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 10, 2019 2:44 AM IST / Updated: Nov 10 2019, 01:17 PM IST

हटके डेस्क। प्रकृति के रहस्यों को जान पाना आसान नहीं होता। समुद्र तटों, नदियों, पहाड़ों और जंगलों में कभी-कभी ऐसी चीजें देखने को मिल जाती हैं, जिनकी सही वजह वैज्ञानिक भी नहीं समझ पाते हैं। ऐसा ही फिनलैंड के एक समुद्र तट पर हुआ, जहां रात भर के भीतर ही अंडे के आकार की चीजें चारों ओर फैल गई थीं। एक कपल घूमने के लिए फिनलैंड के हैयेक लुआतो द्वीप के मार्जेनेनी बीच पर गया हुआ था। शाम को घूम कर दूसरी सुबह जब कपल सैर करने वहां आया तो बीच का नजारा देख कर हैरान रह गया। वहां चारों तरफ हजारों की तादाद में अंडे के आकार के गोले बिखरे हुए थे।

फुटबॉल जितने बड़े थे कुछ गोले
बीच पर दूर-दूर तक अंडेनुमा ये गोले बिखरे थे। ये अलग-अलग आकार के थे। कुछ गोले तो फुटबॉल जितने बड़े थे। जब कपल ने उन्हें छू कर देखा तो पाया कि ये बर्फ के गोले थे। रात भर में बर्फ के इतने गोले कहां से आ गए, वाकई यह बहुत ही हैरानी वाली बात थी। महिला ने इन गोलों की तस्वीरें खींचीं। रिस्तो मतीला नाम की इस महिला ने कहा कि वह अपने हसबैंड के साथ अक्सर समुद्र तटों पर घूमने जाया करती है, लेकिन उसने कभी इस तरह की चीज नहीं देखी। रिस्तो ने कहा कि जब वह शाम को यहां आई थी, तो ऐसी कोई भी चीज नहीं थी। रात भर के भीतर बर्फ के इतने गोले कहां से आ गए, यह सोच कर वह अचरज में है। उसने इन गोलों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर दी।

क्या कहना है वैज्ञानिकों का 
इन तस्वीरों को देखने के बाद फिनलैंड के एक मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि क्लाइमेट चेंज की वजह से ऐसा हो सकता है। फिनलैंड ऐसा देश है, जहां प्रदूषण की समस्या नहीं के बराबर है। मौसम वैज्ञानिक जॉनी वेनियो ने कहा कि यह चिंता की बात है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन की समस्या से यूरोप के वैसे देश भी प्रभावित होने लगे हैं, जो अब तक इससे बचे हुए थे। उनका यह भी कहना था कि तापमान में अचानक बदलाव होने से भी ऐसा हो सकता है और सर्दियों के मौसम में ऐसे गोले पहले भी देखने को मिलते रहे हैं, पर इतनी बड़ी तादाद में नहीं। वहीं, अमेरिका की इलिनोइस यूनिवर्सिटी के जियोलॉजी के प्रोफेसर इमेरेटस जेम्स कार्टर ने कहा कि इस मौसम में पानी की सतह पर भी बर्फ बनने लगता है। यह लहरों के साथ सतह पर आ सकता है।  


 

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