पश्चिम बंगाल 5वां चरण: इन 45 सीटों पर BJP ने लोकसभा इलेक्शन में TMC को छोड़ा था पीछे
पश्चिम बंगाल में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए 17 अप्रैल को वोटिंग होगी। यानी बुधवार को यहां चुनावी शोरगुल थम जाएगा। इस चरण में 6 जिलों की 45 सीटों पर 342 उम्मीदवार मैदान में हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को यहां तृणमूल कांग्रेस से अधिक वोट प्रतिशत मिला था।
Asianet News Hindi | Published : Apr 15, 2021 4:18 AM IST / Updated: Apr 15 2021, 10:57 AM IST
कोलकाता, पश्चिम बंगाल. पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इनमें से 4 चरणों की वोटिंग हो चुकी है। पांचवें चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को वोटिंग होगी।
जानिए पांचवें चरण की सीटों का गणित..
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पांचवें चरण के लिए चुनाव प्रचार का बुधवार को आखिरी दिन है। इस चरण में 6 जिलों की 45 सीटों पर 342 उम्मीदवार मैदान में हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को यहां तृणमूल कांग्रेस से अधिक वोट प्रतिशत मिला था। भाजपा को 45% तो तृणमूल को 41.5% वोट मिले थे। इस लिहाज से भाजपा का पलड़ा भारी नजर आता है।
अगर पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजे देखें, तो तृणमूल कांग्रेस ने 33, कांग्रेस ने पांच, वाममोर्चा ने चार और दार्जिलिंग की गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने तीन सीटें जीती थीं। भाजपा को कोई सीट नहीं मिली थी।
इन 45 सीटों पर इस बार तृणमूल कांग्रेस के 42, बसपा के 32, भाजपा के 45, भाकपा का एक, माकपा के 25, कांग्रेस के 11, एनपीपी का एक, फॉरवर्ड ब्लाक के दो, आरएसपी का एक, अन्य राजनीतिक दलों के 76 और 106 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं।
इन 45 सीटों में से 21 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं। 6 आरक्षित विधानसभा क्षेत्र उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में आते हैं। नदिया और पूर्वी बर्दवान की 5-5 सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं। जलपाईगुड़ी जिले में 7 सीटें हैं, जिनमें से एक अनारक्षित है।