124 साल पुरानी परंपरा तोड़ सकते हैं ट्रंप, लोगों को आशंका- नहीं देंगे बाइडेन को बधाई

Published : Nov 08, 2020, 04:55 AM IST
124 साल पुरानी परंपरा तोड़ सकते हैं ट्रंप, लोगों को आशंका- नहीं देंगे बाइडेन को बधाई

सार

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद नतीजे सामने आ चुके हैं। चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन को राष्ट्रपति चुना गया है। बाइडेन ने 273 इलेक्टोरल पाकर अभी तक राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रंप को मात दे दी है। लेकिन इन सबके बीच इस चुनाव ने अमेरिका की राजनीति में कडवाहट भी घोल दी है। 

वाशिंगटन. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद नतीजे सामने आ चुके हैं। चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन को राष्ट्रपति चुना गया है। बाइडेन ने 273 इलेक्टोरल पाकर अभी तक राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रंप को मात दे दी है। लेकिन इन सबके बीच इस चुनाव ने अमेरिका की राजनीति में कडवाहट भी घोल दी है। एक सदी से ज्यादा वक्त से अमेरिका में परंपरा है कि हारने वाला प्रत्याशी जीतने वाले को बधाई देता है। इसे कन्सेशन या फेयरवेल स्पीच कहा जाता है। इस चुनाव में दोनों कैंडिडेट्स के बीच कड़वाहट और बदजुबानी सारी हदें पार कर गई। पारिवारिक और व्यक्तिगत छींटाकशी हुई। ट्रंप ने ये ज्यादा किया। अमेरिकी मीडिया में चर्चा है कि इस बार कन्सेशन या फेयरवेल स्पीच की परंपरा टूट जाएगी। ट्रंप शायद बाइडेन को जीत की बधाई न दें।

कन्सेशन या फेयरवेल स्पीच अकसर दो बार होती है। कई बार एक ही बार हुई, लेकिन 1896 से यह परंपरा है। तब विलियम्स जेनिंग्स ब्रायन और विलियम मैकिन्ले का मुकाबला था। काफी छींटाकशी हुई। ब्रायन हारे, लेकिन हार के बाद मैकिन्ले को एक टेलीग्राम के जरिए भावुक लहजे में बधाई दी। हो सकता है कि ये इसके पहले भी होता रहा हो, लेकिन इसके सबूत मौजूद हैं। बहरहाल, यह परंपरा शुरू हुई तो इसका पालन पिछले यानी 2016 के चुनाव तक तो किया गया। हिलेरी क्लिंटन पॉपुलर वोट में जीतीं। इलेक्टोरल वोट्स से हार गईं। लेकिन, उन्होंने ट्रंप को जीत की बधाई दी।

इस चुनाव में दोनों प्रत्याशियों ने छेड़ी थी जुबानी जंग 
ट्रंप और बाइडेन ने कैम्पेन के दौरान किस हद तक एक-दूसरे पर जुबानी तीर चलाए।ट्रंप ने कहा था- बाइडेन दिमागी तौर पर बीमार और नींद में रहने वाले शख्स हैं। वे खुद और पूरा परिवार भ्रष्टाचारी है। वे अमेरिका को चीन के हाथों में बेचने का सौदा कर चुके हैं। बाइडेन अब भले ही शांत और अनुशासित नजर आ रहे हों, लेकिन कैम्पेन के दौरान ऐसा नहीं था। बाइडेन ने कहा था- ट्रंप राष्ट्रपति बनने लायक ही नहीं थे। वे बिजनेसमैन हैं, कोरोना पर भी बिजनेस ही कर रहे हैं। डिबेट में उनका चेहरा देखना अच्छा अनुभव नहीं था।

मैक्केन की ‘गोल्ड कन्सेशन स्पीच’
12 साल पहले बराक ओबामा ने रिपब्लिकन जॉन मैक्केन को हराया। पहले अफ्रीकी-अमेरिकी राष्ट्रपति बने। मैक्केन ने कन्सेशन स्पीच में कहा- अमेरिकी लोगों की आवाज सुनिए। ये आपके लिए है। सीनेटर ओबामा अब हमारे राष्ट्रपति होंगे। हम दोनों इस देश से प्यार करते हैं। काश, ओबामा की दादी इतिहास बनते देख पातीं। हमारे मतभेद थे और रहेंगे। मैं देश के लोगों की आवाज बनकर आपको बधाई देता हूं। हर मुश्किल, हर खुशी और हर गम में हम आपके साथ खड़े हैं। आगे बढ़िए और आगे बढ़ाइए।

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