
ढाका. बांग्लादेश में 4 फरवरी को एक साथ 12 मंदिरों में 14 मूर्तियां तोड़ने की घटना को लेकर बढ़ते आक्रोश के बीच हमलावरों पर इनाम घोषित किया है। बलियाडांगी उपजिला परिषद के अध्यक्ष अली असलम ज्वेल ने यह इनाम की घोषणा की है। स्थानीय प्रशासन ने 13 फरवरी को ठाकुरगांव में हुए इस शर्मनाक कांड में शामिल हमलावरों की सूचना देने वाले को एक लाख रुपये(बांग्लादेशी मुद्रा) का इनाम देने की घोषणा की। पढ़िए पूरा मामला...
बलियाडांगी उपजिला परिषद के अध्यक्ष अली असलम ज्वेल ने इनाम का ऐलान करते हुए कहा-“जिसने भी यह किया है, उसे ऐसा नहीं करना चाहिए। हम सब अब एक साथ हैं और इस तरह की घटनाएं हमारे इलाके में पहली बार हुई हैं। मैंने पहले ही मंदिरों का दौरा किया है और इस मुद्दे पर कई लोगों से बात की है।”
तीन यूनियनों- धंतोला, चारोल और परिया यूनियनों के तहत बारह मंदिरों के हिंदू देवी-देवताओं की चौदह मूर्तियां 4 फरवरी को खंडित पाई गई थीं। बलियाडांगी उपजिला में सिंदूरपिंडीर होरीबासर मंदिर समिति के अध्यक्ष जतींद्रनाथ सिंग ने अगले दिन थाने में मामला दर्ज कराया था। बलियाडांगी उपजिला पूजा उत्सव परिषद(Baliadangi Upazila Puja Celebration Parishad) के महासचिव विद्यानाथ बर्मन ने मामले की पुष्टि की थी।
इस्लामिक कट्टपंथियों की इस हरकत ने बांग्लादेश की किरकिरी करा दी थी। हिंदू समुदाय सड़कों पर उतर आया था। इसके बाद बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमां खान का बयान सामने आया था। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि सरकार के पास बांग्लादेश से हिंदुओं को बाहर करने की कोई योजना नहीं है। अवामी लीग हिंदु समुदाय से प्यार करती है और गैर-साम्प्रदायिकता में विश्वास करती है। उन्होंने यह भी कहा था कि 'हमारा हिंदू समाज इस देश में था और रहेगा।'
बता दें कि रात के समय धनतला संघ के सिंदूरपिंडी इलाके में नौ, परिया संघ के कॉलेजपाड़ा इलाके में चार और चरोल संघ के शाहबाजपुर नाथपारा इलाके के एक मंदिर में 14 मूर्तियों को तोड़ दिया गया था। ज्यादातर मूर्तियां सड़क किनारे बने मंदिरों की हैं।”
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय लगातार मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर है। नवंबर, 2022 में रंगपुर के कौनिया उपजिला में अज्ञात बदमाशों के एक समूह ने शहीद बाग केंद्रीय श्मशान और काली मंदिर की हिंदू मूर्तियों में तोड़फोड़ की थी। क्लिक करके पढ़ें
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