पाकिस्तान के सिंध में घरेलू हिंसा और बाल विवाह के चौंकाने वाले आंकड़े, जानें अन्य देशों में क्या हैं महिलाओं के हालात

एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 2022-23 के दौरान घरेलू हिंसा और बाल विवाह के कुल 2,777 मामले दर्ज किए गए हैं।

Danish Musheer | Published : Apr 21, 2023 4:45 AM IST / Updated: Apr 21 2023, 10:57 AM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में सिंध के महिला विकास विभाग ने महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा (Domestic Violance) और कम उम्र में लड़कियों की शादी से जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार सिंध में 2022-23 के दौरान देश में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा और लड़कियों की कम आयु में विवाह (Child Mrriages) के कुल 2,777 मामले दर्ज किए गए हैं। पाकिस्तान की वर्नाक्यूलर मीडिया उर्दू पॉइंट ने बताया कि मुताबिक महिला विकास विभाग सिंध द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सिंध के हैदराबाद से 886 और बेनजीर अबाद से 459 मामले सामने आए

पाकिस्तान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए विशेषज्ञों ने बताया कि पाकिस्तान सरकार को जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून लाने की जरूरत है। साथ ही सरकार को बाल विवाह और यौन हिंसा से जुड़े अपराधों से निपटने के लिए महिला समर्थक कानूनों को लागू करना होगा। इसके अलावा विशेषज्ञों ने देश की सरकार से आग्रह किया कि वह आधिकारिक बैठकों और सेमिनारों में लिंग आधारित हिंसा (Gender-Based Violence) में शामिल दोषियों को गेस्ट स्पीकर के रूप में आमंत्रित न करे।

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बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (international women's day) को चिह्नित करने के लिए माइनोरिटी एलायंस पाकिस्तान, रावदारी तहरीक और क्रिश्चियन ट्रू स्पिरिट जैसे संगठनों द्वारा लाहौर प्रेस क्लब में यह प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई थी, जहां कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए पैनलिस्टों ने ये मांगें रखीं।

जबरन धर्मांतरण पर डाला प्रकाश

इस दौरान रिपोर्ट का हवाला देते हुए पैनलिस्टों ने ' जबरन धर्मांतरण,' और कम उम्र की लड़कियों की शादी के मामलों पर प्रकाश डाला। पैनलिस्ट ने रावलपिंडी के जरविया परवेज और फैसलाबाद के हुराब बशारत के मामलों का भी उल्लेख किया, जो जबरन धर्म परिवर्तन, बाल विवाह और यौन हिंसा के शिकार हुए।

जॉर्जटाउन इंस्टीट्यूट फॉर वुमन, पीस एंड सिक्योरिटी और द पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ओस्लो के वैश्विक महिला, शांति और सुरक्षा सूचकांक के अनुसार 2019 में एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें महिलाओं के लिए दुनिया के सबसे खराब देशों की जानकारी दी गई थी। यह सूचकांक 153 देशों में महिलाओं की भलाई - न्याय, सुरक्षा और समावेश जैसे फैक्टर के आधार पर तैयार किया गया था।

सीरिया सबसे खराब देश

2011 के बाद से सीरिया सबसे खराब मानवीय आपदा से गुजर रहा है। यहां कि गुप्त जेलों में बलात्कार और यातना, कुपोषण और लिंग आधारित हिंसा कथित तौर पर एक दैनिक वास्तविकता है। यहां आतंकवादी समूह आईएस के सदस्य द्वारा महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा बड़े पैमाने पर हो रही है। स्थानीय महिलाएं ही नहीं, बल्कि विदेशों से आने वाली महिलाएं भी उनकी दरिंदगी का शिकार बन जाती हैं।

अफगानिस्तान में बाल विवाह

अफगानिस्तान में भी महिलाओं के लिए अच्छे नहीं हालात Human Rights Watch की रिपोर्ट के अनुसार केवल 37% अफगान महिलाएं साक्षर हैं। यहां एक तिहाई लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है। इसके अलावा देश की मातृ मृत्यु दर भी काफी अधिक है. इसके अलावा अफगानिस्तान में महिलाओं को सिविल लिब्रटी नहीं है.

यमन की महिलाओं को समान अधिकार नहीं

यमन अभी भी दुनिया के सबसे बड़े मानवीय संकट से जूझ रहा है, जिसमें 22 मिलियन लोगों को महत्वपूर्ण सहायता की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के अनुसार यमन में लगभग 2.6 मिलियन महिलाओं और लड़कियों को लिंग आधारित हिंसा का खतरा है, जबकि 52,000 महिलाओं को बलात्कार सहित यौन हिंसा का खतरा है। विश्व रिपोर्ट 2017 के अनुसार यमन में महिलाओं को यमन में पुरुषों के रूप में तलाक, विरासत या बाल हिरासत के समान अधिकार नहीं हैं।

पाकिस्तान में महिलाओं के साथ हिंसा
पाकिस्मतान में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा एक गंभीर चिंता बनी हुई है। यहां सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक प्रथाओं के नाम पर महिलाओं को बाल विवाह, बलात्कार, हत्या ऑनर किलिंग, एसिड अटैक और घरेलू हिंसा जैसे अपराधों का सामना करना पड़ता है।

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान में आटे के बदले महिला को मिली मौत, एक बोरी के चक्कर में भीड़ ने बेचारी को कुचल डाला

 

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