अमेरिका: फाइजर वैक्सीन के ट्रायल में शामिल 40 फीसदी गर्भवती महिलाओं का हुआ गर्भपात

Published : Aug 18, 2022, 09:03 PM ISTUpdated : Aug 18, 2022, 09:10 PM IST
अमेरिका: फाइजर वैक्सीन के ट्रायल में शामिल 40 फीसदी गर्भवती महिलाओं का हुआ गर्भपात

सार

कोरोना से बचाव के लिए अमेरिकी कंपनी फाइजर द्वारा बनाए गए mRNA टीका के ट्रायल में शामिल 40 फीसदी महिलाओं का गर्भपात हो गया था। कोर्ट के आदेश के बाद कंपनी द्वारा जारी दस्तावेज से यह जानकारी सामने आई है।  

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका से चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है। यहां फाइजर कंपनी द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में शामिल होने वाली 40 फीसदी से अधिक गर्भवती महिलाओं का गर्भपात हो गया। कोर्ट के आदेश के बाद फाइजर द्वारा जारी किए गए इंटरनल डॉक्यूमेंट्स से यह जानकारी सामने आई है। भारत में भी एक वर्ग भारत सरकार से मांग कर रहा था कि अमेरिका से फाइजर का टीका आयात किया जाए। इस रिपोर्ट के सामने आने से उन्हें बड़ा झटका लगा है।

फाइजर द्वारा कोरोना से बचाव के लिए mRNA टीका बनाया गया है। गर्भवती महिलाओं पर इसके ट्रायल के दौरान यह नतीजा आया था। दस्तावेजों के विश्लेषण के अनुसार 50 गर्भवती महिलाओं में से 22 ने अपने बच्चों को खो दिया। पत्रकार डॉ. नाओमी वुल्फ ने स्टीव बैनन के वॉर रूम पॉडकास्ट पर इस बात का खुलासा किया है। वुल्फ अपनी वेबसाइट डेली क्लाउट के माध्यम से फाइजर के दस्तावेजों के अनुसंधान और विश्लेषण का नेतृत्व कर रही हैं।

 

 

 

पॉडकास्ट के दौरान, वुल्फ ने कहा कि 13 मार्च, 2021 के कटऑफ रिपोर्ट में गर्भपात की घटना का जिक्र था। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) को यह रिपोर्ट  1 अप्रैल, 2021 को मिला था। वुल्फ ने सच जानने के बावजूद चुप रहने के लिए एफडीए पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "एफडीए अप्रैल 2021 की शुरुआत तक भ्रूण की मृत्यु की भयावह दर से अवगत थी और चुप थी।"

कोर्ट ने दिया था दस्तावेज जारी करने का आदेश
वुल्फ ने आगे यह भी बताया कि फाइजर ट्रायल डेटा वैक्सीन रोलआउट के बाद से दुनिया भर में देखे गए गर्भपात में भारी वृद्धि से संबंधित है। चौंकाने वाली बात यह है कि सीडीसी ने पिछले महीने की तरह अभी भी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं  के लिए एक्सपेरिमेंटल mRNA टीकों की सिफारिश की है। टेक्सास के एक कोर्ट के जज मार्क पिटमैन ने जनवरी में एफडीए को लगभग 12,000 दस्तावेजों को तुरंत जारी करने का आदेश दिया था।  तब तक एक महीने में 55,000 पेज जारी किए गए हैं। सभी दस्तावेजों के पेज की संख्या तीन लाख से अधिक है। कोर्ट के आदेश के बाद भी अभी तक सारे दस्तावेज जारी नहीं किए गए हैं।

यह भी पढ़ें- फिनलैंड की PM सना मारिन ने दोस्तों के साथ की पार्टी, वीडियो वायरल हुआ तो विपक्ष ने की ड्रग टेस्ट की मांग

गैर-लाभकारी समूह पब्लिक हेल्थ एंड मेडिकल प्रोफेशनल्स फॉर ट्रांसपेरेंसी ने पिछले सितंबर में एफडीए पर मुकदमा दायर किया था। यह केस एजेंसी द्वारा एमआरएनए वैक्सीन समीक्षा दस्तावेजों को जारी करने में तेजी लाने के लिए सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम (एफओआईए) के अनुरोध को अस्वीकार करने के बाद दायर किया गया था। नवंबर 2021 की संयुक्त स्थिति रिपोर्ट में FDA ने एक महीने में केवल 500 पेज के दस्तावेज जारी करने का प्रस्ताव रखा था। इस तरह सभी दस्तावेज जारी करने में 75 साल तक का समय लग सकता था।

यह भी पढ़ें-  लगातार घटती जनसंख्या से घबराया ये देश, 10 बच्चे पैदा करने वाली औरतों को ईनाम में देगा इतने लाख रुपए

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

पति दिल्ली में कर रहा दूसरी शादी की तैयारी-पाकिस्तानी निकिता ने PM मोदी से मांगा इंसाफ
फील्ड मार्शल असीम मुनीर पर इमरान के आरोपों का आर्मी ने दिया जवाब, बताया 'मेंटली इल'