इंसान से पहले अंतरिक्ष में जाने वाले ये हैं 8 बहादुर जानवर
मानव अंतरिक्ष अन्वेषण से पहले, 8 जानवरों ने अंतरिक्ष की यात्रा की, जिससे मानव अंतरिक्ष अन्वेषण का मार्ग प्रशस्त हुआ। ये जानवर अंतरिक्ष में जाने वाले पहले जीवित प्राणी थे, जिन्होंने विज्ञान के लिए अपना बलिदान दिया।
गगनयात्री अंतरिक्ष में प्रवेश करने से पहले ही 8 बहादुर जानवरों का विवरण यहां दिया गया है। इन जानवरों की अंतरिक्ष यात्रा ने मानव अंतरिक्ष अन्वेषण का मार्ग प्रशस्त किया।
हैम अंतरिक्ष की यात्रा के लिए प्रशिक्षित पहला चिंपांजी था, 1961 में मर्करी रेडस्टोन मिशन में हैम ने अंतरिक्ष की यात्रा की। हैम की सफल यात्रा ने अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण और अंतरिक्ष यान प्रणाली का परीक्षण करने में मदद की।
सोवियत संघ रूस की अंतरिक्ष एजेंसी ने 1960 में बेल्का और स्ट्रेलका नामक दो कुत्तों को अंतरिक्ष में भेजा था। ये दोनों वहां पृथ्वी की परिक्रमा करके वापस आए। ये अंतरिक्ष में जाकर जीवित वापस आने वाले पहले जानवर हैं।
यह भी सोवियत संघ द्वारा 1957 में पहली बार अंतरिक्ष में भेजा गया कुत्ता था। इसने अंतरिक्ष की परिक्रमा करने वाला पहला कुत्ता और पहला जानवर होने का गौरव हासिल किया। स्पुतनिक 2 अंतरिक्ष यान में अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली लाइका की यात्रा अंतरिक्ष क्षेत्र में एक निर्णायक कदम थी।
1959 में अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी ने अल्बर्ट मंकी-2 नामक एक बंदर को अमेरिका के अंतरिक्ष यान यूएसवी2 में अंतरिक्ष में भेजा था। इस बंदर की अंतरिक्ष यात्रा जीवों पर अंतरिक्ष के प्रभावों को समझने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थी।
फेलिसिटी अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाली पहली और एकमात्र बिल्ली थी। फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी ने 1963 में अपने अंतरिक्ष यान में फेलिसिटी बिल्ली को अंतरिक्ष में भेजा था। इस बिल्ली की यात्रा ने अंतरिक्ष में जीवन प्रणाली पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने में मदद की।
स्क्वायरल मंकी मिस बेकर को 1959 में पहली बार अंतरिक्ष में भेजा गया था। जुपिटर आईआरबीएम रॉकेट में यह अंतरिक्ष में गई थी।
1968 में सोवियत अंतरिक्ष एजेंसी ने ज़ोंड 5 नामक अंतरिक्ष यान में एक कछुए को मिट्टी और बीजों के साथ अंतरिक्ष में भेजा था। यह यान छह दिन चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगाकर हिंद महासागर में क्रैश लैंड हो गया। पर ये बच गए।
टार्डिग्रेड नामक सूक्ष्म जीवों को 2007 में अंतरिक्ष में भेजा गया था। वे उस क्षेत्र के अनुकूल हो गए और अत्यधिक परिस्थितियों में भी जीवित रहने की उल्लेखनीय क्षमता के लिए जाने जाते हैं।