अफगानिस्तान की तालिबान सरकार का नया फरमान, महिलाओं को पहनना होगा सिर से पैर तक ढकने वाला बुर्का

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार (Taliban Government) ने महिलाओं के ड्रेस को लेकर नया फरमान जारी किया है। कहा गया है कि घर से निकलने पर महिलाओं को सिर से पैर तक ढकने वाला बुर्का पहनना होगा। 

काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) में सत्ता पर काबिज तालिबान (Taliban) ने महिलाओं के अधिकारों पर नया अंकुश लगाया है। तालिबान ने शनिवार को फरमान जारी किया कि अफगान महिलाओं को घर से बाहर निकलने पर सिर से पैर तक ढकने वाला बुर्का पहनना होगा। 

पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान प्रमुख हैबतुल्लाह अखुंदजादा (Haibatullah Akhundzada) ने यह फरमान जारी किया था और बाद में तालिबान अधिकारियों ने काबुल में एक समारोह में इसे जारी किया था। उन्होंने कहा कि महिलाओं को चदोरी (सिर से पैर तक बुर्का) पहनना चाहिए, क्योंकि यह पारंपरिक और सम्मानजनक है।

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बता दें कि तालिबान अगस्त में सत्ता में लौटने के बाद से महिलाओं को खुद को ढकने के लिए मजबूर कर रहा है। इससे पहले तालिबान की धार्मिक पुलिस ने राजधानी काबुल के चारों ओर पोस्टर लगाकर अफगान महिलाओं को अपना पूरा शरीर ढकने वाला बुर्का पहनने का आदेश दिया था। सद्गुण के प्रचार और दुराचार की रोकथाम मंत्रालय ने कैफे और दुकानों पर पोस्टर चिपकाया। पोस्टरों में चेहरा ढकने वाले बुर्के की तस्वीर थी। तस्वीर के साथ पोस्टर पर एक संदेश लिखा है, "शरिया कानून के मुताबिक मुस्लिम महिलाओं को हिजाब जरूर पहनना चाहिए।"

बुर्का पहनने के लिए मजबूर कर रहा तालिबान
तालिबान ने 1990 के दशक में अपने शासन के दौरान महिलाओं के लिए बुर्का पहनना अनिवार्य कर दिया था। काबुल में महिलाएं पहले से ही अपने बालों को स्कार्फ से ढकती हैं, हालांकि कुछ मामूली पश्चिमी कपड़े पहनती हैं। हालांकि काबुल के बाहर अधिकतर महिलाएं बुर्का पहनती हैं। अब तालिबान इस नए फरमान के साथ अफगानिस्तान में हर महिला को पूरी तरह से बुर्का पहनने के लिए मजबूर कर रहा है। पिछले साल दिसंबर में तालिबान ने एक और दमनकारी निर्देश जारी किया कि सड़क मार्ग से लंबी दूरी की यात्रा करने वाली अफगान महिलाओं को केवल पुरुष रिश्तेदार के साथ जाने की इजाजत होगी। 

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तालिबान ने लड़कियों के माध्यमिक विद्यालय जाने पर लगाया था बैन
इसके अलावा तालिबान द्वारा लड़कियों के लिए सभी माध्यमिक विद्यालयों को बंद करने का निर्णय लेने के बाद अफगानिस्तान में तालिबान शासन की दुनिया भर में निंदा बढ़ गई थी। कई कार्यकर्ताओं और राजनीतिक दलों ने तालिबान से लड़कियों के लिए माध्यमिक विद्यालयों पर प्रतिबंध पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। मनोवैज्ञानिकों ने कहा है कि तालिबान द्वारा स्कूलों में जाने पर प्रतिबंध लगाने से छठी कक्षा से ऊपर की अफगान छात्राओं को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। HRW के अनुसार महिलाओं और लड़कियों को भी स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंचने से रोक दिया गया है।

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