अफगानिस्तान में महिला एंकर्स को मुंह ढंककर करनी होगी एंकरिंग, तालिबान के फरमान से हैरत में दुनिया

Published : May 19, 2022, 09:56 PM IST
अफगानिस्तान में महिला एंकर्स को मुंह ढंककर करनी होगी एंकरिंग, तालिबान के फरमान से हैरत में दुनिया

सार

Taliban in Afghanistan तालिबान के शासन में सबसे अधिक अत्याचार का सामना महिलाओं-लड़कियों को करना पड़ रहा है। तालिबान के दूसरे कार्यकाल में भी महिलाओं की स्थितियां बदतर हैं। मीडिया हाउस में काम करने वाली महिला एंकर्स के लिए तालिबान ने आदेश जारी कर हड़कंप मचा दिया है।

काबुल। तालिबान का महिलाओं पर अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहा। महिलाओं की नौकरियों छीनने, ड्राइविंग लाइसेंस न देने के बाद अब तालिबानी शासकों ने टीवी चैनल्स की सभी महिला एंकर्स को चेहरा ढंक कर कार्यक्रम पेश करने का आदेश दिया है। देश के सबसे बडे़ मीडिया आउटलेट ने गुरुवार को तालिबान के फरमान के बारे में जानकारी दी।

टोलोन्यूज चैनल ने एक ट्वीट में कहा कि आदेश तालिबान के सदाचार उप मंत्रालय व सूचना व संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है। सभी मीडिया आउटलेट्स को आदेश का सख्ती से पालन करने को कहा गया है। चैनल ने बताया कि आदेश को आखिरी चेतावनी के रूप में मानने को कहा गया है। अफगानिस्तान का मोबी ग्रुप सबसे बड़ा मीडिया ग्रुप है जिसके पास TOLOnews के अलावा कई अन्य टीवी और रेडियो नेटवर्क हैं। मीडिया हाउसस के अनुसार अफगानिस्तान का आदेश प्रत्येक मीडिया ग्रुप पर लागू किया जा रहा है।

अफगानिस्तान के स्थानीय मीडिया अधिकारी ने पुष्टि की कि उनके स्टेशन को आदेश प्राप्त हुआ  है लेकिन वह इस आदेश को लेकर चर्चा को तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि स्टेशन के पास और कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने इस शर्त पर बात की कि अधिकारियों के साथ समस्याओं के डर से उन्हें और उनके स्टेशन की पहचान नहीं की जाएगी।

कई महिला एंकरों और प्रस्तुतकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसमें वे कार्यक्रम प्रस्तुत करने के दौरान अपने चेहरे को मास्क से ढके हुए दिख रही थीं। एक प्रमुख टोलो प्रस्तोता, यल्दा अली ने खुद का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें एक कैप्शन के साथ फेस मास्क लगाया गया था- तालिबान के आदेश पर एक महिला को मिटाया जा रहा है।

पूर्व के कार्यकाल में भी तालिबान ने काफी सख्ती की थी

1996-2001 तक तालिबान के पहली बार सत्ता में आने के दौरान, महिलाओं पर भारी प्रतिबंध लगाए गए। उस दौरान महिलाओं को एक ऐसा बुर्का पहनना अनिवार्य था, जो आंखों को एक जाली से ढकता था। महिलाएं पूर्व के कार्यकाल में भी सार्वजनिक जीवन और शिक्षा से वंचित कर दी गई थीं।

हालांकि, अगस्त में अफगानिस्तान में फिर से सत्ता पर कब्जा करने के बाद, तालिबान ने शुरू में महिलाओं के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं की घोषणा करते हुए अपने प्रतिबंधों को कम कर दिया। लेकिन हाल के हफ्तों में, ढील के विपरीत तालिबान सरकार ने कठोरतम आदेश जारी करने शुरू कर दिए हैं। इस महीने की शुरुआत में, तालिबान ने सार्वजनिक रूप से सभी महिलाओं को सिर से पांव तक कपड़े पहनने का आदेश दिया, जिससे केवल उनकी आंखें दिखाई दें। आदेश में कहा गया कि महिलाओं को आवश्यक होने पर ही घर छोड़ना चाहिए और पुरुष रिश्तेदारों को महिलाओं के ड्रेस कोड के उल्लंघन के लिए सजा का सामना करना पड़ेगा, जो एक सम्मन से शुरू होकर अदालत की सुनवाई और जेल के समय तक बढ़ जाएगा।

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