चार महीने बाद पाकिस्तान भारत द्वारा भेजी जा रही मानवीय सहायता की सामग्री ले जा रहे ट्रकों को अपने देश से गुजरने देने को तैयार हुआ है। पहले पाकिस्तान की शर्त थी कि सामान पाकिस्तान के ट्रकों से अफगानिस्तान भेजा जाए।
इस्लामाबाद। अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद से वहां की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल है। देश संकट से गुजर रहा है। स्थिति ऐसी है कि अफगानिस्तान की बड़ी आबादी भुखमरी की शिकार है। भारत ने अफगानिस्तान को मदद के लिए 50 हजार टन अनाज देने का फैसला किया था, लेकिन पाकिस्तान के अड़ंगा लगाने के चलते इसे अफगानिस्तान नहीं पहुंचाया जा सका था।
चार महीने बाद पाकिस्तान भारत द्वारा भेजी जा रही मानवीय सहायता की सामग्री ले जा रहे ट्रकों को अपने देश से गुजरने देने को तैयार हुआ है। पहले पाकिस्तान की शर्त थी कि सामान पाकिस्तान के ट्रकों से अफगानिस्तान भेजा जाए। भारत पाकिस्तान की सीमा पर राहत सामग्री पहुंचा दे। यहां से उसे पाकिस्तान के ट्रकों में भरकर अफगानिस्तान भेजा जाए। भारत को यह मंजूर नहीं था। अब अफगानिस्तान से ट्रक तोरखम के रास्ते पाकिस्तान आएंगे और वाघा सीमा के रास्ते भारत आकर गेहूं अपने साथ ले जाएंगे।
अफगानिस्तान को मिलेगा 50 हजार टन गेहूं
अब अफगानिस्तान को उम्मीद जगी है कि उसे भारत से 50 हजार टन गेहूं मिल पाएगा। इससे खाद्य संकट का सामना कर रहे अफगानिस्तान को बड़ी राहत मिलेगी। हालांकि भारत से गेहूं ले जाने में अभी समय लगेगा। गेहूं की इतनी बड़ी मात्रा ले जाने के लिए पाकिस्तान ने रोज सिर्फ 60 ट्रकों को अनुमति दी है। शुरुआती पाकिस्तानी अनुमति दिसंबर के अंत तक एक महीने में इसे पूरा करने की थी, जो कि बहुत पहले की बात है।
अभी भी कुछ प्रक्रियात्मक बाधाएं बनी हुई हैं। अफगान ट्रक 22 फरवरी से गेहूं इकट्ठा करना शुरू कर देंगे। इस पूरी कवायद में एक महीने का समय लगेगा। भारत ने पिछले अक्टूबर को अफगानिस्तान को मदद की पेशकश की थी। पाकिस्तान ने भारतीय सामानों के लिए अपने देश से होकर जाने देने का विरोध किया था। संयुक्त राष्ट्र ने अपील की थी कि पाकिस्तान भारत द्वारा दिया जा रहा अनाज जाने दे, इसके बाद भी पाकिस्तान ने इसकी इजाजत नहीं दी थी।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने पाकिस्तानी सरकार के स्टैंड में बदलाव के संकेत दिए थे। उन्होंने 14 फरवरी को कहा था कि हम पूरी दुनिया से अफगानिस्तान के लोगों की मदद की अपील कर रहे हैं। ऐसे में हम कैसे भारत को मदद करने से रोक सकते हैं।
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