हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा निर्यात की मिली मंजूरी तो बदले ट्रंप के सुर, कहा-मोदी महान हैं और अच्छे भी

भारत द्वारा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात को हरी झंडी देने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर बदल गए हैं। मंगलवार को कार्रवाई की धमकी देने के बाद आज बुधवार को ट्रंप ने कहा कि मोदी महान है और अच्छे भी। रविवार को हुई बातचीत के दौरान ट्रंप ने भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के  लिए गुहार लगाई थी। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 8, 2020 5:00 AM IST

वाश‍िंगटन. कोरोना वायरस से बुरी तरह से जुझ रहे अमेरिका को भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी महान हैं और बहुत अच्‍छे हैं। हालांकि इससे पहले ट्रंप ने दवा के निर्यात को मंजूरी न देने पर भारत को कार्यवाई की धमकी दी थी। कोरोना वायरस की मार से बेहाल अमेरिका के राष्‍ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने 29 मिलियन दवा की डोज खरीदी है। इसमें से ज्‍यादातर दवा भारत से मिलेगी।

भारत से अभी बहुत अच्‍छी चीजें आनी बाकी हैंः ट्रंप 

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अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भारत ने दवा के निर्यात को मंजूरी दी है। भारत ने अपने नागरिकों को बचाने के लिए दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी महान हैं और बहुत अच्‍छे हैं। भारत से अभी बहुत अच्‍छी चीजें आनी बाकी हैं। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका ने कोरोना से जंग के लिए भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की 29 मिलियन डोज खरीदी है।

दो दिन में ट्रंप के बदले थे तेवर 

मंगलवार को प्रेसिडेंट ट्रंप ने संकेत दिया था कि अगर भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर से प्रतिबंध नहीं हटाया तो अमेरिका कार्रवाई पर विचार कर सकता है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्‍तेमाल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। इससे पहले रविवार को ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस दवा के लिए गुहार लगाई थी।

क्या कहा था ट्रंप ने? 

व्‍हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि भारत ने अमेरिका के साथ बहुत अच्‍छा व्‍यवहार किया है और मैं समझता हूं कि इस बात के कोई कारण नहीं हैं कि भारत अमेरिकी दवा के ऑर्डर पर से बैन नहीं हटाएगा। ट्रंप ने कहा, 'मैंने यह नहीं कहीं सुना कि यह उनका (पीएम मोदी) का फैसला था। मैं जानता हूं कि उन्‍होंने इस दवा को अन्‍य देशों के निर्यात के लिए रोक लगाई है। मैंने उनसे कल बात की थी। हमारी बातचीत बहुत अच्‍छी रही। भारत ने अमेरिका के साथ बहुत अच्‍छा व्‍यवहार किया है।'

दवा पर भारत ने भी दिया था जवाब

डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद उठे विवाद पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि यह किसी भी सरकार का दायित्व होता है कि पहले वह सुनिश्चित करे कि उसके अपने लोगों के पास दवा या इलाज के हर जरूरी संसाधन उपलब्ध हों। इसी के मद्देनजर शुरू में कुछ एहतियाती कदम उठाए गए थे और कुछ दवाओं के निर्यात को प्रतिबंधित किया गया था। भारत ने सोमवार को 14 दवाओं पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। हालांकि पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा लाइसेंस कैटेगरी में रहेगी और उसकी मांग पर लगातार नजर रखी जाएगी। लेकिन अगर मांग के अनुरूप आपूर्ति रही तो फिर कुछ हद तक निर्यात की अनुमति दी जा सकती है।

क्या है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन?

भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं, इसलिए भारतीय दवा कंपनियां बड़े स्तर पर उत्पादन करती हैं। ये दवा एंटी मलेरिया ड्रग क्लोरोक्वीन से थोड़ी अलग दवा है। यह एक टेबलेट है, जिसका उपयोग ऑटोइम्यून रोगों जैसे कि संधिशोथ के इलाज में किया जाता है, लेकिन इसे कोरोना से बचाव में इस्तेमाल किए जाने की बात भी सामने आई है।

अब यह दवा कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर सिद्ध हो रही है, तब इसकी मांग और बढ़ गई है। इस दवा का खास असर सार्स-सीओवी-2 पर पड़ता है। यह वही वायरस है जो कोविड-2 का कारण बनता है। और यही कारण है कि हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के टेबलेट्स कोरोना वायरस के मरीजों को दिए जा रहे हैं।

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