मच्छर के काटने से कोमा में चला गया व्यक्ति: डॉक्टर्स ने किया 30 ऑपरेशन, ब्लड प्वाइजनिंग, हर्ट किडनी फेल्योर...

Published : Nov 29, 2022, 12:22 AM IST
मच्छर के काटने से कोमा में चला गया व्यक्ति: डॉक्टर्स ने किया 30 ऑपरेशन, ब्लड प्वाइजनिंग, हर्ट किडनी फेल्योर...

सार

चार हफ्ते के बाद कोमा से उबरने के बाद भी सेबेस्टियन की परेशानियां कम नहीं हुई। कोमा से उबरे तो ब्लड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए। इसके अलावा वह लीवर, किडनी, हर्ट और फेफड़ा फेल होने संबंधी परेशानियों से जूझते रहे।

Mosquito bites German man: मच्छर कई तरह की जानलेवा बीमारियों को फैलाने में मददगार तो होते हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एक व्यक्ति को मच्छर के काटने से 30 आपरेशन से गुजरना पड़ा, कोमा में इसकी वजह से चला गया था। यही नहीं कई अन्य जानलेवा विकृतियों का भी शिकार रहा। यह कहानी जर्मनी के एक शख्स की है जिसके लिए मच्छर का एक बार काटना जीवन के लिए घातक बन गया था। आज भी वह उस पल को याद कर सिहर उठते हैं। 

क्या है मच्छर के काटे जाने की कहानी?

यह वाकया करीब एक साल पहले की है। डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी के रोएडमार्क के रहने वाले 27 वर्षीय सेबेस्टियन रॉट्सचके को 2021 की गर्मियों में एक मच्छर ने काट लिया। इस एक मच्छर का काटना सेबेस्टियन के जीवन के लिए घातक हो गया। मच्छर काटने जाने के बाद सबसे पहले उनको फ्लू जैसे लक्षणों का अनुभव हुआ। लेकिन धीरे-धीरे यह उनके जान का दुश्मन बनने लगा। डॉक्टर ने चेकअप और विभिन्न टेस्ट से बताया कि सेबेस्टियन को एशियाई बाघ मच्छर ने काटा था। जब परेशानी बढ़ी तो सेबेस्टियन रॉट्सचके के पैर की दो अंगुलियों को आंशिक रूप से डॉक्टर्स ने काटने का निर्णय लिया।

धीरे-धीरे बढ़ी परेशानी तो ऑपरेशन होने लगे, 30 ऑपरेशन के बाद कोमा

सेबेस्टियन की परेशानी बढ़नी शुरू हुई तो डॉक्टर्स ने उसका ऑपरेशन शुरू किया। मच्छर का काटना कई घातक परेशानियों को बढ़ाने लगा। डॉक्टर्स ने एक के बाद एक 30 ऑपरेशन कर डाले लेकिन कोई विशेष लाभ नहीं हुआ। सेबेस्टियन ऑपरेशन के दौरान चार सप्ताह तक कोमा में चले गए। तीस ऑपरेशन और फिर कोमा। सेबेस्टियन के जीवन को लेकर डॉक्टर्स ने आस छोड़ दी थी। हालांकि, चार सप्ताह बाद वह वापस होश में आ गए। 

कोमा से उभरे लेकिन...

चार हफ्ते के बाद कोमा से उबरने के बाद भी सेबेस्टियन की परेशानियां कम नहीं हुई। कोमा से उबरे तो ब्लड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए। इसके अलावा वह लीवर, किडनी, हर्ट और फेफड़ा फेल होने संबंधी परेशानियों से जूझते रहे। इन दिक्कतों से जूझते हुए सेबेस्टियन को बाईं जांघ में फोड़ा हो गया। फोड़े की वजह से जांघ में इंफेक्शन हो गया। उसे हटाने के लिए उनको स्किन ट्रांसप्लांट से गुजरना पड़ा। जांघ के हिस्से को घातक बैक्टीरिया ने खा लिया था। अपने अनुभव को साझा करते हुए सेबेस्टियन ने बताया कि एक मच्छर की वजह से मौत से लगातार जूझता रहा। हालांकि, 30 ऑपरेशन,फिर कोमा, शरीर के विभिन्न हिस्सों के फेल होने के खतरे से जूझते-जूझते जीवन को पाने में सफल रहा। अब वह ठीक हैं और बीमारी की वजह से छुट्टी पर हैं। सेबेस्टियन, खुद झेलने के बाद लोगों को मच्छर के डंक से सावधान रहने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

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