4 दिसंबर, 2024 को तड़के सवा 4 बजे साइबेरिया का आसमान उस वक्त तेज रोशनी से जगमगा उठा, जब C0WEPC5 नाम के एक छोटे एस्टेराइड (क्षुद्र ग्रह) ने धरती के वायुमंडल में प्रवेश किया। हालांकि, ये बिना किसी को नुकसान पहुंचाए कुछ ही देर में जल गया।
4 दिसंबर, 2024 को तड़के सवा 4 बजे साइबेरिया का आसमान उस वक्त तेज रोशनी से जगमगा उठा, जब C0WEPC5 नाम के एक छोटे एस्टेराइड (क्षुद्र ग्रह) ने धरती के वायुमंडल में प्रवेश किया। 70 सेंटीमीटर व्यास वाला ये एस्टेरॉइड जैसे ही धरती के वायुमंडल में घुसा, तेज रोशनी और गर्मी के चलते आग के गोले में तब्दील हो गया। प्रकृति के इस अद्भुत नजारे को रूस के कई शहरों जैसे याकुत्स्क, दुडिंका, मिर्नी, नोरील्स्क के आकाश में देखा गया।
C0WEPC5 नाम के इस एस्टेरॉइड ने 15.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार और 60 डिग्री का एंगल बनाते हुए धरती के वायुमंडल में प्रवेश किया। हालांकि, इससे किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। बता दें कि इस एस्टेरॉइड को धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने के कुछ घंटों पहले ही यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के बोक टेलिस्कोप और नासा के कैटालिना स्काई सर्वे की मदद से खोजा गया था। बता दें कि C0WEPC5 इस साल का चौथा क्षुद्रग्रह है, जिसे धरती के वायुमंडल में घुसने से पहले पहचाना गया है।
NASA के जेट प्रोपल्शन लैब के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज़ (CNEOS) के मुताबिक, हमने सही वक्त पर इस एस्टेरॉइड की पहचान और ट्रैकिंग की। साथ ही ये भी इंश्योर किया कि धरती के वायुमंडल में पहुंचते ही ये आग के गोले में बदलकर खत्म हो जाएगा।
एस्टेरॉयड एक तरह से किसी ग्रह या तारे का टूटा हुआ टुकड़ा हैं, जो छोटे पत्थर से लेकर कई किलोमीटर लंबी चट्टान के बराबर भी हो सकते हैं। कई बार रात को आकाश में तेजी से धरती की ओर आती जिस रोशनी को हम टूटता हुआ तारा कहते हैं, असल में वो छोटे-मोटे एस्टेरॉइड ही होते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमारे सौरमंडल में 20 लाख से भी ज्यादा एस्टेरॉइड मौजूद हैं।
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