भारत के साथ मालाबार युद्धाभ्यास में पहली बार शामिल होगा ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका-जापान पहले से हैं शामिल

भारत - चीन सीमा विवाद के बीच सोमवार को भारत ने मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास को लेकर बड़ा ऐलान किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, अगले महीने यानि नवंबर में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में होने वाले  मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास में अब ऑस्ट्रेलिया भी शामिल होगा।

नई दिल्ली. भारत - चीन सीमा विवाद के बीच सोमवार को भारत ने मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास को लेकर बड़ा ऐलान किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, अगले महीने यानि नवंबर में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में होने वाले  मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास में अब ऑस्ट्रेलिया भी शामिल होगा। बता दें कि इस युद्धाभ्यास में पहले अमेरिका और भारत ही हिस्सा लेते थे, लेकिन साल 2015 में इसमें जापान को भी जोड़ा गया और अब ऑस्ट्रेलिया के इस युद्धाभ्यास में शामिल होने से क्वाड समूह के चारों देश इसमें शामिल हो गए हैं।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र महासागर में परेशानी का सबब बने चीन को रोकने के लिए चार बड़ी शक्तियां पहली बार मालाबार में साथ आने को तैयार हैं।  इसके साथ ही पहली बार अनौपचारिक रूप से बने क्वॉड ग्रुप (Quad group) को सैन्य मंच पर देखा जाएगा। अभी तक भारत ने ऑस्ट्रेलिया को इससे अलग रखा था लेकिन लद्दाख में सीमा पर चीन की हरकतों को देखते हुए भारत ने अभ ऑस्ट्रेलिया को भी इसमें शामिल कर लिया है।

अभी तक सीमित था क्वाड

मालाबार पहले एक सीमित नौसैनिक युद्धाभ्यास हुआ करता था लेकिन अब इंडो-पैसिफिक रणनीति का अहम हिस्सा है। इसके तहत हिंद महासागर में चीन के बढ़ते कदमों को रोकना एक बड़ा लक्ष्य है। 

चीन को जाएगा कड़ा संदेश

भारत ने 2017 में ऑस्ट्रेलिया को इसमें शामिल करने से रोक दिया था। दरअसल, चीन को लगता था कि पेइचिंग इसे Quad के सैन्य विस्तार के तौर पर देख सकता है लेकिन सीमा पर बढ़ी तनातनी और चीन के आक्रामक रवैये को देखते हुए आखिरकार भारत ने अपना रुख कड़ा कर लिया है। इससे चीन को एक अहम संदेश जाएगा कि Quad वास्तव में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास कर रहा है। भले ही इसे Quad के इवेंट के तौर पर तकनीकी रूप से आयोजित न किया जा रहा हो।

भारत के लिए जरूरी क्षेत्रीय-वैश्विक ताकतों का साथ

लद्दाख में भारत-चीन के बीच हुई हिंसा से पहले भारत ने अपने सबसे बड़े ट्रेड-पार्टनर चीन के साथ अपने संबंध संतुलित रखने की कोशिश की और दूसरी ओर अमेरिका जैसे देशों के साथ भी संबंध मजबूत किए। लेकिन चीन ने हमेशा भारत के साथ विश्वासघात किया इसीलिए अभ भारत अपनी कूटनीतिक रणनीति को मजबूत कर रहा है।

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