Graz Austria Firing: ऑस्ट्रिया के दूसरे सबसे बड़े शहर ग्राज़ (Graz) में स्कूल में गोलीबारी ने देश की सख्त गन कंट्रोल नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानिए ऑस्ट्रिया के गन लॉ, हथियारों की अनुमति प्रक्रिया और नागरिकों के पास मौजूद हथियारों की संख्या।
Graz Austria Firing: ऑस्ट्रिया के ग्राज़ (Graz) शहर में स्कूल में हुई गोलीबारी की घटना ने न केवल पूरे देश को झकझोर दिया है बल्कि ऑस्ट्रिया के सख्त गन कानून (Strict Gun Laws) को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्राज़ जिसकी आबादी महज़ 3 लाख है, वियना (Vienna) से करीब 200 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और ऑस्ट्रिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर माना जाता है।
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ऑस्ट्रिया के गन लॉ: क्यों माने जाते हैं सख्त?
ऑस्ट्रिया में आम नागरिकों के लिए हथियार रखना आसान नहीं है। यहां हथियार खरीदने या रखने के लिए लाइसेंस आवश्यक है और इसके लिए कई चरणों को पार करना होता है।
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गन रखने के लिए यह जरूरी
फिटनेस टेस्ट पास करना जरूरी
गन सेफ्टी कोर्स के ज़रिए कौशल का प्रमाण
हथियारों के सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था
पंप गन, मशीन गन, हाई-कैपेसिटी मैगज़ीन और साइलेंसर जैसे हथियारों पर प्रतिबंध
इसके अलावा, नाबालिगों (Minors) को बंदूक रखने की अनुमति नहीं है।
गैर-यूरोपीय नागरिकों (Non-European Residents) को ऑस्ट्रिया में हथियार लाने के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ती है।
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फिर भी हर 100 लोगों पर 30 हथियार कैसे?
इन तमाम सख्ती के बावजूद, ऑस्ट्रिया में आम लोगों के पास हथियारों की संख्या यूरोप में सबसे ज़्यादा मानी जाती है। Small Arms Survey के अनुसार, देश में हर 100 नागरिकों पर औसतन 30 फायरआर्म्स हैं।
यह आंकड़ा यूरोप के अन्य देशों की तुलना में कहीं अधिक है और यह बताता है कि हथियारों का पंजीकरण, विरासत में प्राप्त हथियार और हंटिंग कल्चर की वजह से नागरिकों के पास हथियार बड़ी संख्या में हैं।
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क्या मौजूदा कानून पर्याप्त हैं?
ग्राज़ स्कूल फायरिंग की घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या ऑस्ट्रिया के मौजूदा गन लॉ पर्याप्त हैं?
इस घटना के संदर्भ में यह स्पष्ट नहीं है कि हमला करने वाले छात्र के पास हथियार कैसे आया?
यदि वह नाबालिग था तो उसे हथियार रखने का अधिकार नहीं था।
यदि हथियार किसी अन्य व्यक्ति का था तो उसकी सुरक्षा में चूक थी।
यदि हथियार अवैध रूप से लाया गया था तो यह तस्करी से जुड़ा मामला हो सकता है।
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सख्त कानून के साथ सामाजिक चेतना भी ज़रूरी
ऑस्ट्रिया जैसी विकसित और नियंत्रित व्यवस्था वाले देश में ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं कि सिर्फ कानून काफी नहीं होते, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना, स्कूल स्तर पर काउंसलिंग और युवाओं में डिजिटल दुनिया से दूरी जैसे सामाजिक कदम भी ज़रूरी हैं।