
Balochistan-Pakistan Separation : पाकिस्तानी ट्रेन हाईजैक होने के बाद से ही बलूचिस्तान चर्चा में है। बलूच लोग लंबे समय से पाकिस्तान से अलग होने की मांग कर रहा है। अलग देश को लेकर एक-दो बार नहीं पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ 5 बार विद्रोह भी हो चुका है। यह विद्रोह भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद से ही चल रहा है। हाल ही में जब बलूच लिबरेलशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक किया तो एक बार फिर बलूचिस्तान की आजादी की मांग की चर्चाएं दुनियाभर में बढ़ गई हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अलग देश बनाने केलिए बलूचिस्तान को किसकी परमिशन की जरूरत है?
बलूचिस्तान (Balochistan) पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। यह पड़ोसी मुल्क का करीब 44% हिस्सा कवर करता है। यह इलाका सोना-तांबा और कई तरह के खनिज-संसाधनों से भरा पड़ा है। जिनका इस्तेमाल पाकिस्तानी सरकार ही करती है। बावजूद इसके यह पाकिस्तान के सबसे पिछड़ा इलाका है। यही कारण है कि बलोचिस्तान के लोग पाकिस्तान को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते और अलग देश बनाने की मांग करते रहते हैं।
नया देश बनाने का कोई फिक्स नियम नहीं है और ना ही इसका कोई सर्टिफिकेट दिया जाता है। 26 दिसंबर, 1933 में मोंटेवीडियो कन्वेंशन में इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय कानून बनाया गया था, जिसके आधार पर नए देश को मान्यता दी जाती है।
अगर किसी इलाके को नया देश बनाना है तो उस देश को इस क्षेत्र से अपना दावा छोड़ना होगा। जैसे बलूचिस्तान, पाकिस्तान में आता है। इसे नया देश बनाने के लिए जरूरी है पाकिस्तान इस पर से अपना दावा छोड़े, तभी नया राष्ट्र बन सकता है। इसके लिए दोनों के बीच समझौता होना बेहद जरूरी है। पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच भी कुछ ऐसा ही हुआ था। तब भारत के उत्तर -पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी हिस्से अलग किए गए थे, यह बिना भारत की अनुमति के नहीं हो पाता। इसके लिए समझौते हुए थे।
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