
ढाका। बांग्लादेश राजनीतिक संकट में है। तेज रफ्तार से आर्थिक विकास कर रहे बांग्लादेश को इस हाल में पहुंचाने में पाकिस्तान समर्थित जमात-ए-इस्लामी (Jamaat- e-Islami) का मुख्य रोल है। इसके छात्र संगठन ICS (Islami Chhatra Shibir) को बांग्लादेश में अशांति के पीछे मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है।
सूत्रों के अनुसार बांग्लादेश में मची उथल-पुथल के पीछे मुख्य साजिशकर्ता जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश की छात्र शाखा इस्लामी छात्र शिबिर है। इसके चलते शेख हसीना की सरकार गिर गई। 300 से अधिक लोग मारे गए। इस संगठन को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से मदद मिल रही है।
ISI ने बांग्लादेश के विश्वविद्यालयों में भर्ती कराए इस्लामी छात्र शिविर के लोग
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान लंबे समय से शेख हसीना सरकार को गिराने की साजिश में जुटा था। इसके लिए ISI के इशारे पर पिछले दो सालों में इस्लामी छात्र शिविर के कई कार्यकर्ताओं को बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में भर्ती कराया गया। इन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों को भड़काया, जिससे बात यहां तक पहुंच गई।
इस्लामी छात्र शिविर का रहा विरोध प्रदर्शन में मुख्य रोल
सरकारी नौकरियों के लिए विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन में मुख्य रोल इस्लामी छात्र शिविर का था। इसके मुख्य केंद्र ढाका विश्वविद्यालय, चटगांव विश्वविद्यालय, जहांगीर विश्वविद्यालय, सिलहट विश्वविद्यालय और राजशाही विश्वविद्यालय हैं। पिछले तीन साल में विश्वविद्यालय चुनाव जीतने वाले सभी छात्र संगठन इस्लामी छात्र शिबिर के समर्थन से जीते हैं।
इस्लामी छात्र शिबिर के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से बहुत गहरे संबंध हैं। इसके कैडर ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान जाते हैं। सूत्रों के अनुसार ISI के सदस्य छात्रों की फर्जी डीपी लगाकर छात्र आंदोलन में शामिल हो गए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर छात्रों को भड़काया। आईएसआई के आंदोलन को हिंसक बनाया।
शेख हसीना ने लगाया था जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध
शेख हसीना को पता था कि देश में हो रहे उपद्रव को पीछे जमात-ए-इस्लामी और इसका छात्र संगठन इस्लामी छात्र शिबिर है। उन्होंने दोनों पर विरोध प्रदर्शनों का फायदा उठाकर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था। इसी सप्ताह जमात-ए-इस्लामी पर बैन लगाया गया था।
जमात-ए-इस्लामी छात्र राजनीति के अलावा मदरसा की गतिविधियों में भी भाग लेता है। हाल के वर्षों में भारत में गिरफ्तार किए गए जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश के अधिकांश सदस्य इस्लामी छात्र शिविर के सदस्य हैं। नूरुल इस्लाम, बुलबुल मोहम्मद, नजरुल इस्लाम और कमाल अहमद सिकदर इस संगठन के मुख्य नेता हैं।
यह भी पढ़ें- Bangladesh Conflict: हिन्दुओं के घर पर हमला, महिलाओं का अपहरण, watch video
जमात-ए-इस्लामी की स्थापना 1975 में हुई थी। इसे बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टियों में से एक माना जाता है। पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बीएनपी के साथ गठबंधन किया है।
यह भी पढ़ें- Bangladesh Conflict: प्रदर्शनकारियों ने जेल पर बोला धावा, 500 कैदी छु़ड़ा ले गए
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।