बांग्लादेश में मिलिट्री शासन? आर्मी चीफ ने बताया अब आगे क्या होगा?

Published : Aug 05, 2024, 03:37 PM ISTUpdated : Aug 05, 2024, 04:53 PM IST
Bangladesh protest

सार

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने देश छोड़ दिया है। भारत में शरण लीं शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया है। आर्मी ने अंतरिम सरकार बनाने का दावा किया है।

Bangladesh unrest: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने और इस्तीफा के बाद सेना ने देश की कमान संभाल ली है। आर्मी चीफ वाकर-उज़-जमान ने ऐलान किया कि सेना अंतरिम सरकार बनाएगी। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वह हिंसा का रास्ता छोड़ लौट जाएं, सेना उनकी मांगों का पूरा ख्याल रखेगी। बांग्लादेश में कोटा आंदोलन और शेख हसीना के इस्तीफा की मांग को लेकर हुए आंदोलन में 300 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इसमें 19 पुलिसकर्मियों सहित 100 से अधिक मौतें रविवार को हिंसा के दौरान हुई। हालांकि,  कमान संभालने के बाद आर्मी चीफ ले.जन. वकार-उज़-ज़मान ने यह साफ किया है कि सुरक्षाकर्मी नागरिकों पर न गोली चलाएंगे न ही बल प्रयोग करेंगे। 

आर्मी चीफ बोले-यह तख्तापलट नहीं

आर्मी चीफ वाकर-उज़-ज़मान ने कहा: आपकी मांगे हम पूरी करेंगे। आप लोग हमारे साथ चलेंगे तो हम मिलकर स्थिति बदल देंगे। मारपीट और हिंसा से दूर रहिए। हम सभी पार्टी के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। हम अंतरिम सरकार बनाएंगे। शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। यह तख्तापलट नहीं है। केवल हमने टेकओवर किया है। आर्मी जल्द राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से मिलकर अंतरिम सरकार बनाने के लिए बात करेगी। अंतरिम सरकार देश को चलाने के लिए है। हम देश में शांति कायम करेंगे। देश के नागरिक हिंसा करना छोड़, शांति से घर लौट जाए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में हुई हत्याओं की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।

बंगबंधु की प्रतिमा तोड़ी गई

बांग्लादेश आजादी आंदोलन के पुरोधा बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया है। शेख मुजीबुर रहमान, पीएम शेख हसीना के पिता और देश के इतिहास के सबसे बड़े नेता हैं जिन्होंने पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई का नेतृत्व किया था।

सेना के अल्टीमेटम के बाद हुआ तख्तापलट

शेख हसीना 2009 से लगातार प्रधानमंत्री हैं। कोटा आंदोलन के बाद पिछले दिनों से उनके इस्तीफा की मांग को लेकर जनांदोलन शुरू हुआ था। शनिवार को हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर मार्च किए थे। रविवार को यह आंदोलन देशव्यापी होने के साथ हिंसात्मक हो गया। देर रात तक हुए संघर्ष में दर्जनों जान चली गई। रविवार को पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भी आंदोलन में शामिल होने का ऐलान कर दिया। उधर, सेना के वर्तमान प्रमुख ने भी मीटिंग कर प्रदर्शनकारियों का साथ देने का इशारा कर दिया था।

सोमवार को प्रदर्शनकारी घुसे पीएम हाउस

सोमवार को बांग्लादेश में स्थितियां और बेकाबू हो गईं। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास गोनो भवन पर धावा बोल दिया। इसके बाद शेख हसीना अपनी बहन शेख रेहाना के साथ सेना के हेलीकॉप्टर पर सवार होकर देश छोड़ दिया। ऐसा माना जा रहा है कि सेना के अल्टीमेटम के बाद शेख हसीना ने यह फैसला लिया। बताया जा रहा है कि सेना अब व्यवस्था को अपने नियंत्रण में लेने की दिशा में आगे बढ़ रही।

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