
Bangladesh Violence Update: शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का ग्राफ काफी बढ़ गया है। अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस भले ही अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा का ढिंढोरा पीट रहे हों, लेकिन हालात एकदम इसके उलट है। हिंदुओं की संपत्ति और उनके पूजा स्थल पर लगातार हमले हो रहे हैं। हाल ही में बांग्लादेश के शेरपुर में कुछ लोगों ने मंदिर का ताला तोड़ा और भीतर घुस गए। इसके साथ ही उन्होंने दुर्गा पूजा के लिए बनी प्रतिमा को तहस-नहस कर दिया।
पेट्रोल छिड़क प्रतिमा को जलाने की कोशिश की लेकिन..
उपद्रवियों ने मंदिर में दुर्गा प्रतिमा को तोड़ने के बाद वहां पेट्रोल छिड़क कर आग लगाने की भी कोशिश की। हालांकि, पुलिस के पहुंचते ही उपद्रवी वहां से भाग निकले। बता दें इस मामले में पुलिस ने अब तक एक भी शख्स को गिरफ्तार नहीं किया है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में डर का माहौल है।
बांग्लादेश में घुट-घुटकर जी रहे हिंदू
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लिए हालात बद से बदतर हो चुके हैं। यहां तक कि हिंदू वहां घुट-घुट कर जीने को मजबूर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कट्टरपंथी मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदुओं के पूजा स्थल को तोड़ने के साथ ही उनकी जमीन-जायदाद पर कब्जा करने के साथ ही बहन-बेटियों की डिमांड कर रहे हैं। कई लोगों को अपनी पहचान छुपाकर जीना पड़ रहा है। बांग्लादेश में हालात बिल्कुल 90 के दशक में कश्मीर घाटी की तरह हो चुके हैं, जहां मस्जिदों के माइक से ऐलान किया जाता था कि हिंदू लोग अपनी बहन-बेटियों को छोड़ कर कश्मीर खाली कर दें।
बांग्लादेश के 48 जिलों में 278 हिंदू परिवारों को बनाया निशाना
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश में 5 अगस्त के बाद से अब तक 278 हिंदू परिवारों पर हिंसक हमले हुए हैं। आरक्षण के नाम पर फैली हिंसा के बाद जानबूझकर हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। इस हिंसा में अब तक 400 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। बता दें कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हाल ही में वहां के कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी से बैन हटा लिया है। आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के बाद शेख हसीना सरकार ने जमात पर प्रतिबंध लगाा था।
जिन स्टूडेंट्स को पढ़ाया अब वही कर रहे बेइज्जत
बांग्लादेश में हालत इतने खराब हो चुके हैं कि स्कूल-कॉलेज में पढ़ाने वाले हिंदू शिक्षकों को बेइज्जत कर उनसे जबरन इस्तीफा लिखवाया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक करीब 50 टीचरों को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा चुका है। हालांकि, बाद में दबाव की वजह से 19 शिक्षकों को बहाल किया गया है। ये वही टीचर हैं, जिन्होंने उनका इस्तीफा लेने वालों को पढ़ाया है।
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