2000km जाकर 100 विमानों ने की बमबारी, जानें कैसे इजरायल ने किया ईरान पर अटैक

इजरायल ने F-35 जैसे लड़ाकू विमानों से ईरान पर हमला किया। 100 से ज़्यादा विमानों ने 2000 किमी दूर जाकर बमबारी की। जानिए कैसे अंजाम दिया गया ये मिशन।

Vivek Kumar | Published : Oct 26, 2024 7:05 AM IST / Updated: Oct 26 2024, 01:18 PM IST

Israel Attack on Iran: इजरायल ने ईरान पर भीषण हवाई हमला किया है। इस हमले में इजरायल ने अपने F-35 जैसे लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया। इजरायल के 100 से अधिक फाइटर जेट्स 2 हजार किलोमीटर दूर ईरान पहुंचे और बमबारी की। आइए जानते हैं इस बड़े मिशन को कैसे अंजाम दिया गया।

इजरायल ने ईरान पर हवाई हमला करने से पहले सीरिया में मौजूद रडार ठिकानों को खत्म किया। इससे ईरान के लिए यह देखना कठिन हो गया कि इजरायल के विमान उसकी ओर बढ़ रहे हैं।

Latest Videos

 

 

इजरायली सेना (IDF) ने बताया है कि हमला केवल सैन्य ठिकानों पर केंद्रित था। बड़ी लड़ाई रोकने के लिए परमाणु और तेल सुविधाओं से दूरी बनाए रखी गई थी। अब इजरायल में हाई अलर्ट जारी है। उसे ईरान से ही नहीं, बल्कि अन्य देशों से भी संभावित जवाबी कार्रवाई की आशंका है।

 

 

इजरायल के 100 से अधिक विमानों ने किया अटैक

इजरायल ने हमला करने के लिए F-35 से लेकर F-15 और अन्य ताकतवर लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया। F-35 अमेरिका द्वारा बनाया गया पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है। इस दौरान विमान करीब 2000 किलोमीटर दूर गए, हमला किया और वापस आए।

हमले तेहरान और करज पर केंद्रित थे। आईडीएफ ने कहा कि प्रत्येक हमले में विशेष रूप से सैन्य स्थलों को निशाना बनाया गया, जिससे आगे संघर्ष का जोखिम कम रहे। हमले की शुरुआत रडार और एयर डिफेंस सिस्टम से हुई। इससे सैन्य ठिकानों पर बाद में होने वाले हमलों के लिए रास्ता साफ हुआ। विमान सीरिया और इराक में कम ऊंचाई पर उड़ते हुए आगे बढ़े ताकि रडार की पकड़ में आने से बच सकें। 

इजरायल ने 20 मिसाइल और ड्रोन ठिकानों को बनाया निशाना

इजरायल के लड़ाकू विमानों ने तीन लहरों में ईरान पर अटैक किया। पहली बार ईरान के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया गया। इससे सैन्य ठिकानों पर हमला करने का रास्ता साफ हुआ। दूसरे और तीसरे चरण में 20 20 मिसाइल और ड्रोन ठिकानों को निशाना बनाया गया।

 

 

हवा में विमानों में भरा गया इंधन

इजरायली एयर फोर्स के विमानों को ईरान पर अटैक के लिए 2 हजार किलोमीटर से अधिक दूर जाना और वापस आना था। आमतौर पर लड़ाकू विमानों का रेंज इतना अधिक नहीं होता। इसके लिए हमला करने जा रहे विमानों में रास्ते में हवा में ही इंधन भरा गया। इससे विमानों का रेंज बढ़ गया। इन विमानों के साथ निगरानी करने और दुश्मन के विमानों के बारे में जानकारी देने वाले अवाक्स विमान भी गए थे। इजरायली वायु सेना के कमांडिंग ऑफिसर मेजर जनरल तोमर बार कैंप राबिन में वायु सेना के भूमिगत कमांड सेंटर से ईरान पर हमले की कमान संभाल रहे थे।

यह भी पढ़ें- इजरायल के हवाई हमले से तिलमिलाया ईरान, कहा- देंगे पूरा जवाब

Share this article
click me!

Latest Videos

'अब हमारे ही रास्ते पर आ गई है BJP' मुस्कुराकर ये क्या कह गए अखिलेश यादव #Shorts
अचानक क्यों गुस्सा हो गए रणबीर कपूर #Shorts
डांस के दौरान गिरते-गिरते बचीं विद्या बालन #Shorts
अयोध्या दीपोत्सव 2024: आसमान में जगमगाएगी 600 फीट ऊंची आतिशबाजी!
10 बॉलीवुड स्टार्स जो शादियों में नाचने के लिए लेते है सबसे तगड़ी फीस