रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के बाद बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके खून को साफ किया जा रहा है।
मॉस्को। रूस की राजधानी मॉस्को में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के बाद बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। उनकी हालत नाजुक है। लुकाशेंको को मॉस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके खून को साफ किया जा रहा है। डेली एक्सप्रेस ने यह जानकारी दी है।
लुकाशेंको के विरोधी और संयुक्त राज्य अमेरिका में पूर्व राजदूत रहे वालेरी त्सेपल्को ने ट्वीट कर बताया कि लुकाशेंको और पुतिन ने बंद दरवाजे के पीछे बैठक की थी। इसके तत्काल बाद लुकाशेंको की सेहत बिगड़ गई। उन्हें मॉस्को के सेंट्रल क्लिनिकल अस्पताल ले जाया गया। लुकाशेंको का इलाज चल रहा है। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रमुख विशेषज्ञों को जुटाया गया है। त्सेपल्को ने बतया कि लुकाशेंको के खून को साफ किया जा रहा है। उनकी हालत इतनी गंभीर है कि दूसरे हॉस्पिटल ले जाना भी सुरक्षित नहीं है।
यूक्रेन पर हमले के मामले में रूस का समर्थन कर रहा बेलारूस
दरअसल, बेलारूस यूक्रेन पर हमले के मामले में रूस का समर्थन कर रहा है। 68 साल के लुकाशेंको के स्वास्थ्य को लेकर पिछले कुछ समय से अफवाहें चल रही हैं। 9 मई को मास्को में एक उत्सव में लुकाशेंको यूक्रेन पर पुतिन के समर्थक में उपस्थित हुए थे। हालांकि वह जल्द ही उत्सव को छोड़कर चले गए थे। बाद में उन्हें बोलने में परेशानी का अनुभव करते हुए देखा गया। उनकी बांह पर पट्टी बंधी हुई थी।
बेलारूस की सरकार ने साध रखी है चुप्पी
बेलारूस की सरकार ने राष्ट्रपति के स्वास्थ्य के बारे में अटकलों के बीच चुप्पी साध रखी है। सरकार ने राष्ट्रपति की बीमारी के बारे में बयान जारी नहीं किया है। इसके चलते ऐसी बातें कहीं जा रही हैं कि संभव है कि लुकाशेंको को जहर दिया गया हो सकता है।
बेलारूस में रूस ने रखे हैं परमाणु हथियार
बेलारूस रूस और यूक्रेन का पड़ोसी देश है। रूस ने अपने परमाणु हथियारों को बेलारूस में स्टोर किया है। 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद से यह पहली बार है जब परमाणु हथियारों को रूसी सीमाओं से बाहर तैनात किया गया है। यूक्रेन को पश्चिमी देशों का समर्थन मिल रहा है। इसके चलते साल 2023 की शुरुआत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बेलारूस में कम दूरी के हथियारों की तैनाती की घोषणा की थी। इसे पश्चिमी देशों के लिए चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।