
न्यूयॉर्क। दुनिया की सबसे बड़ी इन्वेस्टमेंट फर्म ब्लैकरॉक (BlackRock) इस वक्त एक हाई-प्रोफाइल फ्रॉड के जाल में फंसी है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय मूल के CEO बंकिम ब्रह्मभट्ट (Bankim Brahmbhatt) पर आरोप है कि उन्होंने अपनी टेलीकॉम कंपनियों के जरिए $500 मिलियन (करीब ₹4200 करोड़) का घोटाला किया। यह स्कैम 2020 से शुरू हुआ और 2024 में तब उजागर हुआ जब कंपनी के ईमेल फर्जी पाए गए। अब सवाल है-आखिर बंकिम ब्रह्मभट्ट कहां हैं?
ये मामला ब्लैकरॉक की प्राइवेट क्रेडिट इन्वेस्टमेंट शाखा HPS से जुड़ा है, जिसने ब्रह्मभट्ट की टेलीकॉम कंपनियों-ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और ब्रिजवॉयस को भारी रकम उधार दी थी। कहा जा रहा है कि इस रकम को हासिल करने के लिए कंपनियों ने फर्जी अकाउंट्स, नकली ईमेल और झूठे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
यह स्कैम कई सालों तक चलता रहा। HPS ने 2020 में लोन देना शुरू किया था, और 2024 तक यह रकम बढ़कर $430 मिलियन से ज्यादा हो गई, लेकिन जुलाई 2024 में एक कर्मचारी ने कंपनी के ईमेल डोमेन में गड़बड़ी नोट की — कुछ ईमेल असली टेलीकॉम कंपनियों के नाम पर थे, लेकिन वास्तव में वे फेक डोमेन से भेजे गए थे।
जब HPS ने जांच शुरू की, तो पता चला कि कई इनवॉइस और कस्टमर ईमेल पूरी तरह नकली थे। इसके बाद जब अधिकारी न्यूयॉर्क ऑफिस पहुंचे, तो ऑफिस बंद मिला। वहीं से शुरू हुई इस ‘फ्रॉड मिस्ट्री’ की बड़ी कहानी।
यह मामला न सिर्फ ब्लैक रॉक फ्रॉड केस 2025 (BlackRock Fraud Case 2025) के रूप में चर्चित है, बल्कि यह एक बड़ा सबक भी है- बड़े ब्रांड्स भी झूठे डॉक्यूमेंट्स और डिजिटल मैनिपुलेशन के शिकार हो सकते हैं। वकीलों ने कोर्ट में कहा कि “ब्रह्मभट्ट ने सिर्फ एक पेपर वर्ल्ड बनाया था-जहां सबकुछ था, सिवाय हकीकत के।”
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