WHO की फंडिंग में ब्रिटेन की ओर से 30 प्रतिशत का इजाफा! अमेरिका की कमी को करेगा पूरा

कोरोना काल में दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई। हजारों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए। ऐसे में खबर आ रही है कि अमेरिका के नुकसान की भरपाई ब्रिटेन करेगा। दरअसल, विदेश मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) को दी जाने धन राशि को बढ़ाने का ऐलान कर सकते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Sep 26, 2020 9:34 AM IST / Updated: Sep 26 2020, 03:05 PM IST

वॉशिंगटन. कोरोना काल में दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई। हजारों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए। ऐसे में खबर आ रही है कि अमेरिका के नुकसान की भरपाई ब्रिटेन करेगा। दरअसल, विदेश मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) को दी जाने धन राशि को बढ़ाने का ऐलान कर सकते हैं। रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि बोरिस WHO को दी जाने वाली फंडिंग में 30 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान कर सकते हैं।

कहा जा रहा है कि WHO से अमेरिका के अलग होने के बाद अगर जॉनसन का ये कदम अमल में आता है तो ब्रिटेन WHO को सबसे ज्यादा फंडिंग देने वाले देशों की सूची में अव्वल हो जाएगा।

UNGA में बोरिस जॉनसन करेंगे कोरोना के मुद्दे पर बात 

संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली (UNGA) में बोरिस जॉनसन कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर की इस जंग में आई खामियों को दूर करने की अपील भी करेंगे। बता दें कि कोरोना महामारी काल में अमेरिका ने WHO पर चीन के प्रभाव में भ्रष्ट होने का आरोप लगाया था और खुद को अलग कर लिया था। WHO को अमेरिका से सबसे ज्यादा फंड मिलता था।

कहा जा रहा है कि अगर बोरिस जॉनसन WHO को दी जाने वाली फंडिंग में 30% बढ़ाने की घोषणा करते हैं तो ब्रिटेन WHO को अगले चार वर्ष तक सालाना करीब 30 अरब रुपए देगा। हालांकि, इसके बदले में ब्रिटिश पीएम WHO से विशेष शक्ति भी मांग सकते हैं। ताकि, दुनियाभर के देशों से ब्रिटेन कोरोना से निपटने के तरीकों पर सीधे रिपोर्ट मांग सके।

कोरोना के खिलाफ एकजुट होने की कहेंगे बात 

विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एक प्री रिकॉर्डेड वीडियो में जॉनसन घोषणा के दौरान कहेंगे, '9 महीने तक कोरोना से जंग के बाद भी इंटरनेशनल कम्यूनिटी की धारणा बेहद सुस्त दिखती है। हम इस रास्ते को जारी नहीं रख सकते हैं। जब तक हम अपने दुश्मन के खिलाफ एकजुट नहीं हो जाते, हर किसी की हार होगी।' रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रिटेन की बढ़ाई हुई धन राशि अगले चार वर्षों के लिए तय होगी। इसके बाद ब्रिटेन WHO को फंड देने वालों में सबसे परोपकारी देश बन जाएगा। हालांकि, राष्ट्रपति चुनाव के बाद अगर अमेरिका WHO को फिर से फंड देना शुरू करता है तो वो अभी भी ब्रिटेन से काफी आगे रहेगा।

Share this article
click me!