पीएम मोदी ने श्रीलंका के नए पीएम राजपक्षे से द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की, कहा - हमारे रिश्ते सालों पुरानें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से एक डिजिटल शिखर वार्ता में द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा की है। चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 'भारत और श्रीलंका के बीच पौराणिक काल से अटूट संबंध हैं। मेरी सरकार की 'पड़ोसी पहले' नीति और SAGAR सिद्धांत  के तहत, हम श्रीलंका के संबंधों को विशेष प्राथमिकता देते हैं।' 

Asianet News Hindi | Published : Sep 26, 2020 8:51 AM IST / Updated: Sep 26 2020, 02:24 PM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) से एक डिजिटल शिखर वार्ता में द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा की है। चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच पौराणिक काल से अटूट संबंध हैं। मेरी सरकार की 'पड़ोसी पहले' नीति और SAGAR सिद्धांत (Sagar Doctrine) के तहत, हम श्रीलंका के संबंधों को विशेष प्राथमिकता देते हैं। पीएम मोदी ने श्रीलंका द्वारा द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन उनके निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए पीएम महिंदा राजपक्षे को धन्यवाद भी दिया और कहा कि मैं आपको संसदीय चुनावों में अपनी पार्टी की जीत और श्रीलंका के प्रधानमंत्री चुने जाने के लिए भी बधाई देता हूं ।

दोनों पड़ोसी देशों के बीच इस वार्ता के दौरान राजनीतिक, आर्थिक, वित्त, विकास, रक्षा, शिक्षा, पर्यटन एवं सांस्कृतिक संबंधों सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों और आपसी हित के क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मामलों पर चर्चा की हुई है। इस शिखर वार्ता में संबंधित मामलों के मंत्री और दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी शीर्ष नेताओं के साथ मौजूद रहे। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कोरोना काल में भारत द्वारा पड़ोसी देशों की आर्थिक मदद करने पर भी भारत की प्रशंसा की। दरअसल भारत ने हाल ही में कोरोना काल में आर्थिक मार झेल रहे पड़ोसी देश मालदीव को 50 करोड़ डॉलर की आर्थिक सहायता की थी।

पिछले महीने पीएम मोदी ने दी थी बधाई

श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर यह शिखर वार्ता की जा रही है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने की  छह अगस्त को ही श्रीलंका के नवनिर्वाचित पीएम महिंदा राजपक्षे के शपथ लेने के बाद सबसे पहले उन्हें बधाई देकर फोन पर बातचीत की थी।

क्या है सागर सिद्धांत ?(Sagar Doctrine)

सार्क देशों की तुलना में बिम्सटेक देशों को अपने साथ मजबूती से खड़ा कर भारत बंगाल की खाड़ी में अपना वर्चस्व बढ़ाना चाहता है। भारत इसी कूटनीतिक मुहिम के तहत पड़ोसियों से बात कर रहा है। गौरतलब है कि सागर सिद्धांत  के अनुरूप ही नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद पर अपने दूसरे शपथग्रहण समारोह में बजाय सार्क के बिम्सटेक देशों के प्रमुखों को न्यौता दिया था।

Share this article
click me!