एक महिला की शादी ने पूरे पाकिस्तान में मचा रखा है हाहाकार, सड़कों पर उतरे लोग-कर रहे जांच की मांग

जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ पाकिस्तान के थारपारकर क्षेत्र के डिप्लो शहर में हड़ताल का आयोजन किया गया। हड़ताल को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का समर्थन हासिल था।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के थारपारकर क्षेत्र के डिप्लो शहर में हड़ताल के कारण सभी आरथिक और व्यापारिक गतिविधियां रविवार को बंद रहीं। हड़ताल का आह्वान नौजवान इत्तेहाद द्वारा किया गया था। यह हड़ताल एक हिंदू महिला के कथित रूप से जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ आयोजित की गई थी। महिला ने हाल ही में एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी की थी। इस हड़ताल को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI), अवामी तहरीक और कुछ अन्य दलों का समर्थन हासिल था।

जानकारी के मुताबिक हिंदू महिला सुमन लोहाना के अपने दोस्त सज्जाद मेहर से शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन की खबरें सामने आने के बाद वहां विरोध शुरू हो गया। लोहाना ने धर्म परिवर्तन और शादी के बाद अपना नाम कायनात रख लिया था। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार प्रांत में हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाओं में वृद्धि के विरोध में आयोजकों ने शहर के मुख्य चौक से एक रैली निकाली।

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बता दें सेंटर फॉर पीस एंड जस्टिस पाकिस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में इस समय अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की आबादी  22,10,566 हैं, जो देश की कुल आबादी का 1.18 प्रतिशत है, जबकि बंटवारा के समय पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 15 फीसदी थी। फिलहाल दुनियाभर में हिंदुओं की पांचवीं बड़ी आबादी पाकिस्तान में रहती है। रिपोर्ट के मुताबिक बंटवारे के बाद से पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी में लगातार कमी आई है। इसका मुख्य कारण जबरन धर्म परिवर्तन और अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार हैं।

अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा की मांग

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,रमेश असरानी, अरबाब इमरान, अरबाब समीउल्लाह, इमरान बागी, अधिवक्ता कीमत राय और अन्य के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने शहर के विभिन्न सड़कों पर मार्च किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और हिंदू महिलाओं के जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कदम उठाने के नारे लगाए।

जिरगे पर लगे बैन

इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने भूमि विवाद, हत्या, अपहरण और अन्य संवेदनशील मुद्दों से संबंधित मामलों को संबोधित करने के लिए प्रांत के विभिन्न क्षेत्रों में जिरगा (पंचायत) आयोजित करने पर भी प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अतीत में कई हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन किया गया था और कई अन्य ने रहस्यमय परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने विशेष रूप से थारपारकर जिले में हिंदू महिलाओं की आत्महत्या के मामलों की निष्पक्ष जांच की मांग की।

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान में महंगाई: ईद-उल-फितर का त्योहार नजदीक, बढ़ी कीमतों ने बढ़ाई लोगों की चिंता

हिंदू महिला को फंसाया

लोगों ने आरोप लगाया कि घोटकी जिले के सज्जाद महार ने डिप्लो निवासी हिंदू सुमन लोहाना को प्रेमजाल में फंसाया और फिर उसे शादी के लिए इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया। उन्होंने बताया कि कुछ धार्मिक नेता इस तरह के विवाहों का स्वागत कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों की गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की।

फैसले थोपने का आरोप

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने गैरकानूनी, अनैतिक और अमानवीय फरमानों की आलोचना की, जो अक्सर प्रभावशाली सामंतों द्वारा अन्य पक्षों पर अपने फैसले थोपने के लिए पेश किए जाते हैं। उन्होंने हर तरह के जिरगा पर प्रतिबंध लगाने और उन प्रभावशाली शख्सियतों को सजा देने की मांग की जिन्होंने लोगों पर ये फरमान थोपे हैं।

 

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