यूएई ने प्रधानमंत्री मोदी को COP28 के उद्घाटन में बोलने का औपचारिक सम्मान दिया। समारोह को COP28 के अध्यक्ष सुल्तान जाबेर और UNFCC के कार्यकारी सचिव ने भी संबोधित किया।
COP33 in India in 2028: COP28 के उद्घाटन समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी ने इसके 2028 के आयोजन की मेजबानी का प्रस्ताव रखा है। यूएई ने प्रधानमंत्री मोदी को COP28 के उद्घाटन में बोलने का औपचारिक सम्मान दिया। समारोह को COP28 के अध्यक्ष सुल्तान जाबेर, संयुक्त राष्ट्र के सेक्रेटरी जनरल और UNFCC के कार्यकारी सचिव ने भी संबोधित किया।
ग्लोबल एमिशन में कटौती का संदेश
पीएम मोदी ने उद्घाटन समारोह में कहा कि सभी देशों को ग्लोबल एमिशन में भारी कटौती मिलकर करने का संकल्प लेना होगा। भारत का उत्सर्जन अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है। हमारा कार्बन एमिशन उन देशों से भी कम है जिनकी जनसंख्या बहुत कम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की जनसंख्या, ग्लोबल पापुलेशन का 17 प्रतिशत है लेकिन वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में भारत केवल 4 प्रतिशत पर है। हम एनडीसी लक्ष्यों को प्राप्त करने में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। वास्तव में हम अपने गैर-जीवाश्म ईंधन लक्ष्यों को नौ साल पहले ही हासिल कर चुके हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सदी की गलतियों को सुधारने के लिए हमारे पास ज्यादा समय नहीं है। उन्होंने कहा कि हर देश को अपने एनडीसी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ईमानदारी से काम करना होगा।
हम रेन्युएबल एनर्जी को तीन गुना बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत ने अपनी जी-20 प्रेज़िडेन्सी में One Earth, One Family, One Future की भावना के साथ क्लाइमेट के विषय को निरंतर महत्व दिया है। Sustainable Future के लिए, हमने मिलकर Green Development Pact पर सहमति बनाई। हमने Lifestyles for Sustainable Development के सिद्धांत तय किए। हमने वैश्विक स्तर पर Renewable Energy को तीन गुना करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि भारत ने Alternate fuels के लिए Hydrogen के क्षेत्र को बढ़ावा दिया औऱ Global Biofuels Alliance भी लॉन्च किया। हम मिलकर इस नतीजे पर पहुंचे कि क्लाइमेट फाइनेंस commitment को बिलियन्स से बढ़ा कर कई ट्रिलियन तक ले जाने की आवश्यकता है।
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