चीन की बड़ी कार्रवाई: लारुंग गार बौद्ध अकादमी से 1000 से अधिक भिक्षुओं को निकाला

Published : Feb 16, 2025, 12:41 AM IST
Peace, prayers and sermons: Buddhist monks celebrate the Buddha's birth

सार

RFA की रिपोर्ट के अनुसार, यह तिब्बती बौद्ध धर्म (Tibetan Buddhism) पर चीनी नियंत्रण का हिस्सा है।

China big action: चीन ने बौद्ध अकादमी पर बड़ी कार्रवाई की है। चीनी अधिकारियों ने हाल ही में लारुंग गार बौद्ध अकादमी (Larung Gar Buddhist Academy) से 1000 से अधिक तिब्बती भिक्षुओं और भिक्षुणियों को निष्कासित कर दिया है। यह कदम तिब्बती बौद्ध शिक्षा के प्रमुख केंद्र को कमजोर करने की दिशा में चीन द्वारा की जा रही वर्षों पुरानी कार्रवाई का हिस्सा माना जा रहा है।

अकादमी के आकार को सीमित करने की योजना

रेडियो फ्री एशिया (RFA) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासकों ने यह फैसला अकादमी में रहने वाले बौद्ध पादरियों की संख्या 6,000 से घटाकर 5,000 करने के निर्देशों के तहत लिया है। चीनी अधिकारियों का दावा है कि यह निर्णय डोमिसाइल के कारण लिया गया है लेकिन तिब्बती संगठनों का मानना है कि यह बौद्ध धर्म पर बीजिंग के बढ़ते नियंत्रण का हिस्सा है।

2016 में भी हुआ था विध्वंस

यह पहली बार नहीं है जब लारुंग गार बौद्ध अकादमी को इस तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा हो। 2016 में, चीनी प्रशासन ने परिसर के बड़े हिस्से को ध्वस्त कर दिया था और हजारों भिक्षुओं और भिक्षुणियों को जबरन निकाला था। 2000 के दशक की शुरुआत तक इस अकादमी में लगभग 40,000 बौद्ध भिक्षु रहते थे लेकिन अब इसे लगातार छोटा किया जा रहा है।

कड़ी निगरानी और प्रतिबंध

सूत्रों के अनुसार, दिसंबर 2024 में क्षेत्र में करीब 400 अधिकारी और पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, जो भिक्षुओं की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। सूत्रों की मानें, उन्हें स्वतंत्र रूप से तस्वीरें लेने की सख्त मनाही है और उन्हें केवल मठ के भीतर निर्दिष्ट क्षेत्रों में जाने की अनुमति है। निष्कासित भिक्षुओं के आवासों को भी विध्वंस के लिए चिह्नित कर दिया गया है, हालांकि उन्हें अभी तक नष्ट नहीं किया गया है।

अप्रैल में और विध्वंस की आशंका

अप्रैल 2025 में मठ के माध्यम से एक सड़क बनाने की योजना है, जिससे और अधिक स्ट्रक्चर्स ध्वस्त की जाएंगी। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई चीन द्वारा धार्मिक संगठनों, विशेष रूप से तिब्बती बौद्ध धर्म से जुड़े संस्थानों की संख्या और प्रभाव को सीमित करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

तिब्बती बौद्ध धर्म (Tibetan Buddhism) पर चीनी नियंत्रण की यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बन रही है, लेकिन बीजिंग ने अब तक इन प्रतिबंधों को आंतरिक मामला बताकर कोई सफाई नहीं दी है।

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