
China Against America Tariff: अमेरिका टैरिफ का इस्तेमाल एक घातक हथियार के तौर पर करता हुआ दिखाई दे रहा है। इस चीज का विरोध अब चीन भी करता हुआ नजर आया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस मुद्दे पर खुलकर बात की है। साथ ही मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए इस कदम को टैरिफ का गलत इस्तेमाल बताया है। जब उनसे पूछा गया कि रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया था, इस पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा," टैरिफ के दुरुपयोग का चीन का विरोध लगातार और साफ है।"
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अपनी बात रखते हुए गुओ जियाकुन ने कहा, "चीन, अमेरिका द्वारा तकनीकी और व्यापारिक मुद्दों का राजनीतिकरण करने और उन्हें चीन को दुर्भावनापूर्ण तरीके से रोकने और उसका पीछा करने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का विरोध करता है। अमेरिका को चीनी नागरिकों के वैध और कानूनी अधिकारों और हितों की ईमानदारी से रक्षा करनी चाहिए।"इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वाले फैसले का विरोध उनके देश के अंदर भी होता हुआ दिखाई दिया है। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के डेमोक्रेट्स ने चेतावनी दी कि इस तरह के कदम से भारत और अमेरिका का रिश्ता खतरे में पड़ सकता है। अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा, "आरएम ग्रेगरी मीक्स: ट्रंप के नवीनतम टैरिफ नखरे से एक मजबूत अमेरिका-भारत साझेदारी बनाने के लिए वर्षों के सावधानीपूर्वक काम को खतरा है। हमारे गहरे रणनीतिक, आर्थिक और लोगों से लोगों के संबंध हैं। चिंताओं को हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप पारस्परिक रूप से सम्मानजनक तरीके से संबोधित किया जाना चाहिए।"
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वहीं, हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि टैरिफ पर विवाद का हल जब तक नहीं निकल जाता, तब तक भारत के साथ कोई बिजनेस को लेकर किसी भी तरह की कोई बातचीत नहीं होगी, क्योंकि उनके प्रशासन ने भारतीय आयात पर टैरिफ दोगुना करने का फैसला किया है।
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