पाकिस्तान इन दिनों महंगाई और तंगहाली से जूझ रहा है। इसी बीच, पाकिस्तान को अब उसके ही सबसे अच्छे दोस्त चीन ने एक बड़ा झटका दिया है। चीन ने इस्लामाबाद में अपने दूतावास के कांसुलर विभाग को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान इन दिनों महंगाई और तंगहाली से जूझ रहा है। खाने-पीने की चीजों से लेकर पेट्रोल-डीजल तक हर एक चीज के लिए जनता को जद्दोजहद करनी पड़ रही है। महंगाई की सुनामी के बीच पाकिस्तान को अब उसके ही सबसे अच्छे दोस्त चीन ने एक बड़ा झटका दिया है। दरअसल, पाकिस्तान में भुखमरी और बढ़ते आतंकवाद को देखते हुए चीन ने ये कदम उठाया है।
चीन ने अपने दूतावास के काउंसलर विभाग को बंद किया :
पाकिस्तान में बद से बदतर हो रहे हालातों को देखते हुए उसके मित्र देश चीन ने अपने दूतावास के कांसुलर विभाग को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है। हालांकि, विभाग को बंद करने की वजह तकनीकी दिक्कतें बताई जा रही हैं, लेकिन अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, चीनी दूतावास को आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से लगातार धमकियां मिल रही थीं। इसके चलते चीन ने ये कदम उठाया है।
इस वजह से चीन ने उठाया ये कदम :
चीनी दूतावास की ऑफिशियल वेबसाइट की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया कि तकनीकी वजह से इस्लामाबाद में चीनी दूतावास के कांसुलर विभाग को 13 फरवरी, 2023 से अगले आदेश तक के लिए अस्थायी तौर पर बंद किया जा रहा है। वहीं, इसे बंद करने के पीछे सबसे बड़ी वजह आतंकी हमले बताए जा रहे हैं। ऐसे में चीन ने अपने राजनयिकों को सुरक्षित रखने के लिए ये कदम उठाया है।
शहबाज सरकार से खुश नहीं चीन :
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में शहबाज शरीफ के सत्ता में आने के बाद से ही चीनी नागरिकों पर आतंकवादी हमलों में इजाफा हुआ है। इसके चलते भी चीन वहां की सरकार से नाराज है। सूत्रों के मुताबिक, चीन का कहना है कि अगर पाकिस्तान हमारे नागरिकों और परियोजनाओं (CPEC) की रक्षा नहीं कर सकता है तो हम जानते हैं कि आगे हमे क्या करना है।
पाकिस्तान में बढ़े आतंकी हमले :
बता दें कि पाकिस्तान में पिछले कुछ महीनों में आतंकी हमलों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसको लेकर चीन भी अपनी चिंता जाहिर कर चुका है। दरअसल, चीन के लोग वहां चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पर काम कर रहे हैं। इसलिए चीन की अपने नागरिकों को लेकर चिंता वाजिब भी है। पाकिस्तान के पेशावर की एक मस्जिद में हाल ही में एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था। इस हमले में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। इसके पहले कराची के सदर इलाके में चीनी नागरिकों पर हमला हुआ। गोलीबारी में एक चीनी नागरिक की मौत हो गई। वहीं, दो अन्य घायल हुए थे। वहीं, अप्रैल 2022 में कराची विश्वविद्यालय के कन्फ्यूशियस संस्थान के बाहर एक आत्मघाती हमले में तीन चीनी नागरिक मारे गए थे।
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