
China India Philippines Joint Patrol: छभारत और फिलीपींस ने पहली बार समुद्री क्षेत्र में एक-साथ गश्त की, जिसके जवाब में चीन ने पिछले हफ्ते दक्षिण चीन सागर अपनी नौसेना और कोस्ट गार्ड की संख्या को बढ़ा दिया। इस बात की जानकारी अमेरिकी नेवल इंस्टीट्यूट द्वारा दी गई है। शुक्रवार से लेकर सोमवार तक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी ने रूटीन पेट्रोलिंग करने का काम किया, जिसके जरिए बीजिंग ने मनीला और कुछ गैर-क्षेत्रीय देशों की उकसाने वाली कार्रवाइयों के तौर पर करार जवाब दिया। PLA के दक्षिणी थिएटर कमांड के प्रवक्ता तियान जुनली ने कहा कि चीन अपने सार्वभौमिक जलक्षेत्र में किसी भी तरह की बाहरी दखल का पूरी तरह से विरोध करता है।
चीन ने इस तरह का कदम जल्दबाजी में नहीं बल्कि सोच समझकर उठाया है। ऐसा इसीलिए क्योंकि रविवार के दिन भारतीय नौसेना के तीन युद्धपोत औऱ फिलीपींस की नौसेना के जहाजों बीआरपी जोस रिजाल और बीआरपी मिगुएल मालवर के साथ युद्धाभ्यास करते हुए नजर आएं। इसके अंदर वायु रक्षा और पनडुब्बी रोधी ऑपरेशन को शामिल किया गया था। इस दौरान दो चीनी युद्धपोत पर भी पैनी नजर रखी जा रही थी।
चीन के सबसे संवेदनशील स्थानों से एक स्कारबोरो शोल इलाके में कोस्ट गार्ड ने समुद्री कानून लागू करने के लिए गश्त की। ये सभी चीजें इसीलिए मायने रख रही है क्योंकि फिलीपींस के राष्ट्रपति बॉन्गबॉन्ग मार्कोस इस वक्त दिल्ली में मौजूद हैं। भारत और फिलीपींस ने अपने रिश्तों को एक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का काम किया है। रक्षा और समुद्री सहयोग को लेकर दोनों देशों ने सहमति जताई है, इस बात से अब चीन नाराज हो गया है। भारत का दक्षिण चीन सागर में शामिल होना एक बहुत बड़ा रणनीतिक बदलाव माना जा रहा है। चीन इन सभी चीजों को सामान्य बताता है, लेकिन यूएसएनआई बीजिंग की चिंता को दर्शाता है।
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