
China Digital Dominance Threat: दुनिया इस वक्त धीरे-धीरे करके टेक्नोलॉजी की कब्जे में आती जा रही है। इस चीज को लेकर कई देश आपस में लड़ते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा विशेषज्ञ चीन में टेक्नोलॉजी का स्तर जिस तरह से बढ़ रहा है, उसको लेकर चिंता व्यक्त करते हुए दिखाई दिए हैं। उन्होंने इस चीज को एक छिपा हुआ इंफॉर्मेशन वॉर करार दिया है। जोकि समुद्र के नीचे बिछी इंटरनेट केबल्स और डेटा सेंटर के साथ लड़ा जा रहा है। ईस्ट तुर्किस्तान सरकार के विदेश मंत्री सालिह हुडयार ने इस चीज को लेकर अलर्ट जारी किया है। उनका कहना है कि यदि चीन ऐसे ही आगे बढ़ता गया तो उसका असर पश्चिमी देशों के लोकतंत्र और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
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अपनी बात रखते हुए सालिह हुडयार ने कहा, “ये सिर्फ बिज़नेस का मामला नहीं है, ये असल में एक युद्ध है और पश्चिम इसमें हार रहा है।” चीन की योजना के सबसे बड़े हिस्से के तौर पर इंटरनेट और फोन कनेक्शन के लिए जरूरी समुद्री केबल्स को देखा जा रहा है। चीन कंपनियां इसे बना भी रही है और कंट्रोल करने में जुटी हुई है। अगर इनका कंट्रोल चीन को मिल जाता है तो ये संवेदनशील डेटा तक पहुंच सकता है और ज़रूरत पड़ने पर पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था और फौज को नुकसान पहुंचा सकता है। सालिह हुडयार ने इस बात की भी जानकारी दी है कि चीन बड़े लेवल पर ईस्ट तुर्किस्तान में एआई डेटा सेंटर बना रहा है। हैरानी वाली बात ये है कि पश्चिमी देशों की तरफ से रोक लगाए जाने के बावजूद, चीन के सेंटरो में इस्तेमाल होने वाली चिप्स पश्चिमी कंपनियों से ही आती हैं।
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हुडयार की तरफ से ये आरोप लगाया जा रहा है कि अमेरीका और बाकी देश कुछ वक्त के मुनाफे के लिए चीन को तकनीक बेचकर उसके हाथ मजबूत कर रहे हैं। चीन इनका इस्तेमाल हथियार की तरह कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने टिकटॉक को भी “मनोरंजन के नाम पर निगरानी करने वाला प्लेटफॉर्म” बताया।
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