
पाकिस्तान और अमेरिका की बिजनेस के मामले में बढ़ती नजदीकियां बलूचिस्तान में तनाव का कारण बन सकता है। पाकिस्तान और अमेरिका जैसे-जैसे नए खनन और खनिज सौदे की तरफ बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे बलूचिस्तान में खतरा बढ़ सकता है। बलूचिस्तान पहले से ही एक ऐसा क्षेत्र है, जहां पर दशकों से हिंसा, सैन्य कब्जे और मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। द डिप्लोमेट के मुताबिक बलूचिस्तान में अमेरिका का मकसद रणनीतिक विकास में नहीं बल्कि, चीन के साथ कॉम्पिटिशन से जुड़ा है, जिसकी कीमत बलूचिस्तान के लोगों को भुगतानी पड़ रही है।
बलूचिस्तान में तांबा, सोना, लिथियम, एडवांस वॉर और निगरानी रखने वाले तकनीकों के लिए जरूरी खनिज मौजूद है। बलूचिस्तान में दुनिया के कई सबसे बड़े और अप्रयुक्त भंडार मौजूद है। जैसे-जैसे चीन के साथ अमेरिका को कॉम्पिटिशन बढ़ रहा है, वैसे-वैसे अमेरिका की नजर बलूचिस्तान पर गहराती चली जा रही है। अमेरिका को अपनी ताकत बढ़ाने के लिए ऐसे में बलूचिस्तान को और दबाने की कोशिश करनी पड़ेगी या फिर बलूच की तरफ से किए जा रहे संघर्ष का सामना करना पड़ेगा।
इन सबके अलावा द डिप्लोमैट इस बात पर जोर डालता है कि सीपीईसी, रेको डिक और साइंदक जैसी पिछली मेगा-प्रोजेक्टस से बलूच लोगों को कोई बड़ा और खास फायदा नहीं हुआ है। बल्कि इसके चलते सैन्यीकरण और पर्यावरणीय को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में कई लोगों को डर है कि नया अमेरिका-पाकिस्तान खनन सौदा भी उसी रास्ते पर चलेगा, जिससे विकास की आड़ में बूलचिस्तान को भारी नुकसान होने वाला है।
इन सबके अलावा जब चीन अपने प्रोजेक्ट्स बलूचिस्तान में चलरहा था। उस वक्त उसे बलूच ग्रुप्स के विरोध का सामना करना पड़ा था। सड़कों-इमारतों पर हमले, आत्मघाती धमाके और लोगों को निशाना बनाने जैसी घटनाओं ने चीन के प्रोजेक्ट को काफी नुकसान पहुंचा। ऐसे में अमेरिका भी यहां अपने प्रोजेक्ट्स को लाने की कोशिश करता है तो उसे भी ऐसे ही विरोध का सामना करना पड़ सकता है। जो बात निकलकर सामने आई है उससे ये साबित होता है कि बलूचिस्तान के लोग अपनी जमीन और संसाधनों पर खुद का हक चाहते हैं, न बाहरी देशों को उसको फायदा उठाने देना चाहते हैं।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।