पाकिस्तान के कराची में पुलिस ने चीनी नागरिकों के व्यवसायों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। पुलिस का कहना है कि चीनी नागरिक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में एक चीनी नागरिक पर ईशनिंदा का आरोप लगा है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच गुस्साए लोगों ने चीनी नागरिकों के रिहायशी कैम्प को घेर लिया। हालांकि, पुलिस ने चीन के सभी नागरिकों को बचा लिया। स्थिति को बिगड़ता देख पुलिस ने कराची में चीनी नागरिकों के व्यवसायों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। निक्केई एशिया की रिपोर्ट में स्थानीय अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि बार-बार की चेतावनी के बावजूद कई चीनी स्वामित्व वाले व्यवसाय सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने में विफल रहे।रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी संगठनों को लगता है कि चीनी नागरिकों के वजह से उनकी कम्युनिटी या इलाकों को नुकसान हो रहा है और वो उनके कारोबार छीन रहे हैं। ऐसे में आतंकी चीनी नागरिकों को निशाना बना सकते हैं। बता दें कि पाकिस्तान में आए दिन चीनी नागरिकों के साथ हाथापाई होती रहती है।
लगभग एक महीने पहले सुरक्षा स्थिति को देखते हुए चीनी नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई थी। वहीं, चीन का कहना है कि बीजिंग की रिक्वेस्ट और चेतावनियों के बावजूद पाकिस्तानी अधिकारियों ने देश में रहने वाले चीनी नागरिकों की सुरक्षा प्रति ठीक रवैया नहीं अपनाया है। पाकिस्तान में चीनी दूतावास के अनुसार पाकिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के कारण चीनी नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई थी। इसके कुछ दिनों बाद चीन ने इस्लामाबाद में अपने दूतावास के कांसुलर सेक्शन को अस्थायी रूप से बंद कर दिया था।
चीन पर दबाव डालने की कोशिश
कुछ मीडिया रिपोर्टों से पता चला है कि इस्लामाबाद बीजिंग पर दबाव डाल रहा है ताकि वह चीन से अपने भारी ऋण को माफ करवा सके या डिफ़ॉल्ट घोषित होने से बचाने के लिए कर्ज वापस करने की समय सीमा बढ़ा दे। दरअसल,चीन ही ऐसा देश है,जो देश की गिरती अर्थ व्यवसथा को सुधारने के लिए पाकिस्तान की मदद कर सकता है। हालांकि,हमेशा की तरह उसकी शर्तें सीक्रेट रहेंगी और इन्हें पहले की तरह आम जनता को नहीं बताया जाएगा।
आतंकियों के निशाने पर CPEC
ऐसे में पाकिस्तान में सक्रिय विभिन्न आतंकवादी समूह चीनी नागरिकों और चीनी-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) से जुड़ी परियोजनाओं को लगातार निशाना बना रहे हैं। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान में इस तरह की घटना हुई हो। इससे पहले 3 दिसंबर 2021 को सियालकोट में श्रीलंका के एक फैक्ट्री मैनेजर को भीड़ ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था। पाकिस्तान सरकार की तरफ से जारी डेटा के मुताबिक- 1947 से अब तक 89 लोग ईशनिंदा के आरोप में मारे गए हैं। इनमें 6 विदेशी और ज्यादातर अल्पसंख्यक हैं।
चीनी इंजीनियर पर हुआ था हमला
इसके अलावा 2021 में भी CPEC के प्रोजेक्ट पर काम करने वाले चीनी इंजिनियरों के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था। इसमें 9 चीनी इंजीनियर मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली थी। बता दें कि चीन ने पाकिस्तान में CPEC परियोजना पर काम रहा है। इस परियोजना में देश करीब 60 अरब डॉलर खर्च करेगा। कई साल से यह प्रोजेक्ट चल रहा है और अब तक इस पर करीब 40 अरब डॉलर खर्च भी हो चुके हैं।
TTP ने BLA से मिलाया हाथ
चीन की दिक्कत इसलिए बढ़ गई कि पाकिस्तान के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी TTP ने BLA से हाथ मिला लिया है। अब चीनियों पर खतरा कई गुना बढ़ गया है। गौरतलब है कि बलूच लिबरेशन आर्मी ने चीनी नागरिकों पर हुए तीन घटनाओं की जिम्मेदारी ली है।