चिंतित Dragon की Pakistan को दो टूक, कहा: सुरक्षा सुनिश्चित हो ताकि CPEC प्रोजेक्ट में न आए बाधा

सार

BRI को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) द्वारा 2013 में सत्ता में आने पर लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि और समुद्री मार्गों के नेटवर्क से जोड़ना है। इसी के तहत चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। 

बीजिंग। पाकिस्तान (Pakistan) के साथ मिलकर सीपीईसी प्रोजेक्ट (CPEC) पर काम कर रहे चीन (China) ने इस्लामाबाद (Islamabad) को चीनी प्रोफेशनल्स के लिए सुरक्षित माहौल बनाने को कहा है। चीन ने कहा है कि चीनी नागरिकों को सुरक्षा नहीं मिलने की वजह से परियोजनाओं की गति धीमी हो गई है जिससे इन्वेस्टर्स खासे नाराज और चिंतित हैं। 

60 अरब डॉलर की है सीपीईसी प्रोजेक्ट

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BRI को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) द्वारा 2013 में सत्ता में आने पर लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि और समुद्री मार्गों के नेटवर्क से जोड़ना है। इसी के तहत चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। यह चीन के झिंजियांग (Xingiang) प्रांत को बलूचिस्तान प्रांत (Baluchistan) में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह (Gwadar Port) से जोड़ता है। 60 अरब डॉलर की सीपीईसी प्रोजेक्ट में हजारों की संख्या में चीनी नागरिक काम कर रहे हैं। 

प्रोजेक्ट में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा की है चिंता

चीन इनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। सुरक्षा की वजह से इस प्रोजेक्ट का काम प्रभावित है। चीनी निवेशक परियोजनाओं पर निर्माण की धीमी गति से चिंतित हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हमें उम्मीद है कि पाकिस्तानी पक्ष पाकिस्तान में व्यापार करने वाली चीनी कंपनियों के लिए अधिक सक्षम स्थिति और सुविधा प्रदान करेगा।" 

क्यों सुरक्षा की सता रही है चीन को चिंता?

चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर सीपीईसी प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने की चाहत रखता है लेकिन पाकिस्तान में सुरक्षा को लेकर वह चिंतित है। वजह यह कि इस साल अगस्त में, पाकिस्तान के दसू इलाके में चीनी इंजीनियरों को ले जा रही एक बस पर हुए बम हमले में नौ चीनी कर्मियों सहित 13 लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे। यहां एक चीनी कंपनी सिंधु नदी पर 4,300 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना का निर्माण कर रही है। .

बम विस्फोट को पहले तो पाकिस्तान नकारता रहा

चीनी इंजीनियर्स की साइट पर हुए इस बम विस्फोट को पाकिस्तान की ओर से पहले नकारा गया। पाकिस्तान ने पहले कहा कि यह गैस विस्फोट हो सकता है। हालांकि, चीन ने एक विशेष टीम भेजी थी। इसके बाद पाकिस्तान ने स्वीकार किया कि यह एक बम विस्फोट था। 

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