अलर्ट : इस देश में मिला कोरोना का अब तक का सबसे संक्रामक वैरिएंट, जानें दुनिया के लिए होगा कितना खतरनाक

कोरोना वायरस को आए हुए 3 साल से ज्यादा हो चुके हैं। 2019 में इसकी शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई थी। तब से अब तक इसके नए-नए वैरिएंट आ रहे हैं। इसी बीच, साउथ अफ्रीका में कोरोना वायरस का XBB.1.5 "क्रैकेन वैरिएंट" मिला है।

Ganesh Mishra | Published : Jan 8, 2023 3:41 PM IST

Covid New Variant Kraken: कोरोना वायरस को आए हुए 3 साल से ज्यादा हो चुके हैं। 2019 में इसकी शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई थी। तब से अब तक इसके नए-नए वैरिएंट आ रहे हैं। इसी बीच, साउथ अफ्रीका में कोरोना वायरस का XBB.1.5 "क्रैकेन वैरिएंट" मिला है। कोरोना के क्रैकेन वेरिएंट को बेहद संक्रामक माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में फैले कुल केसों का 40% से ज्यादा इसी वैरिएंट की वजह से है। फिलहाल दक्षिण अफ्रीका में केस आने के बाद संदिग्ध मरीजों के जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा रही है।

एंटीबॉडी से बचने में माहिर है ये वैरिएंट : 
स्टेलनबॉश यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर एपिडेमिक रिस्पांस एंड इनोवेशन के डायरेक्टर तुलियो डी ओलिवेरा के मुताबिक, कोरोना का नया स्ट्रेन बेहद संक्रामक है। हालांकि, इससे दक्षिण अफ्रीका में अस्पताल में भर्ती होने या मौतों में अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं देखी गई है।  WHO के मुताबिक, XBB.1.5 कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा फैलने वाला सब-वेरिएंट है, जिसे क्रैकेन भी कहा जाता है। XBB.1.5 वैरिएंट इम्यूनिटी को चकमा देने में माहिर है। कहने का मतलब है कि ये वैरिएंट वैक्सीन से बनी इम्युनिटी को चकमा देकर एंटीबॉडी से बच सकता है।

अमेरिका में 40% केसों के लिए जिम्मेदार : 
WHO के मुताबिक, यह कोरोना वायरस यानी SARS-CoV-2 वैरिएंट XBB का ही वंशज है। इसमें BA.2.10.1 और BA.2.75 ओमिक्रॉन वैरिएंट के गुण है। XBB.1.5 अमेरिका में न्यूयॉर्क और कनेक्टिकट के आसपास पहली बार पाया गया था। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अमेरिका में सभी COVID-19 मामलों के करीब 40 प्रतिशत केसों के लिए यह वेरिएंट ही जिम्मेदार है। 

अब तक 29 देशों में मिल चुका क्रैकेन वैरिएंट : 
XBB.1.5 क्रैकेन वैरिएंट अमेरिका के अलावा अब तक करीब 29 देशों में मिल चुका है। हालांकि, अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि ये वेरिएंट चीन में फैल चुका है या नहीं। हालांकि, चीनी स्वास्थ्य विभाग की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि उनके देश में इस वेरिएंट से नई लहर आने की संभावना बेहद कम है। बता दें कि XBB.1.5 वेरिएंट के मामले पहले भी चीन, अमेरिका और जापान में मिल चुके हैं। 

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