
Corona Waves in China: चीन ने जब से जीरो कोविड पॉलिसी में ढील दी है, तभी से वहां हालात बिगड़ने लगे हैं। कोरोना के चलते चीन में स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि न तो अस्पतालों में बेड बचे हैं और न ही दवाएं हैं। एम्बुलेंस के लिए लगातार कॉल आ रहे हैं। लोगों को दवा मिल नहीं रही है और फीवर क्लीनिक के बाहर मरीजों की लंबी कतारें लगी हैं। रोजाना होने वाली मौतों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि शवों का 24 घंटे अंतिम संस्कार किया जा रहा है। यहां तक कि अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग 2000 से ऊपर पहुंच गई है।
चीन में क्यों फैल रहा कोरोना?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चीन में कोरोना फैलने की वजह ओमिक्रॉन है। ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स BA.5.2 और BF.7 तेजी से फैल रहे हैं। राजधानी बीजिंग में ज्यादातर लोग BF.7 की चपेट में हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने BF.7 को सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस बताया है। इसके चलते चीन में मेडिकल व्यवस्थाएं धराशायी हो गई हैं।
सबसे भयानक हालात आने अभी बाकी :
चीन के महामारी विशेषज्ञ वू जुन्यो का मानना है कि चीन में अभी सबसे भयानक स्थिति आनी बाकी है। एक अनुमान के मुताबिक, राजधानी बीजिंग की 70% आबादी कोरोना की चपेट में आ चुकी है। आने वाले तीन महीनों में चीन में कोरोना की 3 लहर आ सकती हैं। फिलहाल चीन पहली लहर को झेल रहा है, जिसका पीक 15 जनवरी तक आ सकता है।
चीन में इस वजह से आएगी दूसरी-तीसरी लहर :
महामारी विशेषज्ञ वू जुन्यो के मुताबिक, 21 जनवरी से चीन में लूनर न्यू ईयर शुरू होने वाला है। इसके चलते बड़ी संख्या में लोग चीन में यात्राएं करेंगे। एक-दूसरे से संपर्क में आने की वजह से चीन में कोरोना की दूसरी लहर आएगी, जो कि 15 फरवरी तक रह सकती है। वहीं, इसके बाद मार्च की शुरुआत में छुट्टियों की वजह से तीसरी लहर भी देखने को मिल सकती है।
10 लाख मौतों की आशंका :
अमेरिकी साइंटिस्ट और महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल-डिंग ने चीन में कोरोना से बिगड़े हालातों की ताजा तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं। इनमें अस्पतालों, श्मशानों और दवाइयों की दुकानों पर बेहद बुरी स्थिति नजर आती है। उन्होंने कोरोना पर चेतावनी देते हुए कहा है कि अगले तीन महीने में चीन की 60% आबादी और दुनिया के 10% लोग कोरोना पॉजिटिव होंगे। इतना ही नहीं, इससे 10 लाख मौतों की आशंका है।
चीन में कोरोना संक्रमण की 3 बड़ी वजहें :
1- पाबंदियों को खत्म करना :
चीन ने कोरोना पर काबू पाने के लिए जीरो कोविड पॉलिसी लागू की थी। हालांकि, देशभर में इसका जमकर विरोध हुआ, जिसके चलते चीन सरकार को झुकना पड़ा और प्रतिबंध हटा लिए गए। इसके बाद से ही कोरोना के केस काफी तेजी से बढ़े हैं।
2. जीरो कोविड पॉलिसी के भरोसे था चीन :
चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी के तहत लोगों को घरों में कैद कर रखा था। उसे लगता था कि लोग बाहर नहीं निकलेंगे तो संक्रमण नहीं फैलेगा। इसी वजह से उसने मेडिकल सुविधाएं बढ़ाने की तरफ उतना ध्यान नहीं दिया। हालांकि, जनता के विरोध के चलते उसे झुकना पड़ा और नतीजा कोरोना विस्फोट के रूप में सामने आ रहा है।
3. कमजोर इम्युनिटी और कम वैक्सीनेशन :
चीन का कहना है कि उसने 90 प्रतिशत तक वैक्सीनेशन कर दिया है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। चीन में अब तक महज 40% ही वैक्सीनेशन हुआ है। इसके अलावा वहां ज्यादातर आबादी के आइसोलेट रहने की वजह से उनमें हर्ड इम्युनिटी भी नहीं बन पाई।
चीन छुपा रहा मौत के आंकड़े :
चीन में तेजी से फैल रहे कोरोना की वजह से मौतों का आंकड़ा भी काफी बढ़ गया है। हालांकि, चीन कभी भी सही आंकड़े नहीं बताता। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के स्पोक्सपर्सन नेड प्राइस के मुताबिक, चीन में कोरोना के बढ़ते केसेस के पीछे कोई नया म्यूटेशन भी हो सकता है। चीनी सरकार कोरोना मामलों और मौतों का सही आंकड़ा नहीं बता रही है। ये पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है।
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