चीनी प्रशासन वुहान के अस्पतालों में रक्षात्मक सामान मुहैया कराने में नाकाम हो रहा है। वुहान में कई चिकित्सकों को बिना मास्क और रक्षात्मक कपड़ों के मरीजों को देखना पड़ना है।
बीजिंग. चीन में कोरोना वायरस से अब तक छह स्वास्थ्यकर्मियों की मौत हो चुकी है और 1,700 से अधिक इससे संक्रमित हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ये आंकड़े उस भयानक स्थिति को दिखाते है जिसमें चिकित्सक और नर्सें मास्क और सुरक्षा उपकरणों के बिना वहां दिन रात काम में लगे हुए हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग में उप मंत्री जेंग यीजिंग ने संवाददाताओं से कहा कि देश में मंगलवार तक 1716 स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हैं। उन्होंने बताया कि इसमें से वुहान में 1102 चिकित्साकर्मी सीओवीआईडी-19 से संक्रमित हैं। वहीं 400 अन्य चिकित्साकर्मी हुबेई प्रांत में संक्रमित हैं।
स्टाफ को करना पड़ रहा कई घंटो काम
चीनी प्रशासन वुहान के अस्पतालों में रक्षात्मक सामान मुहैया कराने में नाकाम हो रहा है। वुहान में कई चिकित्सकों को बिना मास्क और रक्षात्मक कपड़ों के मरीजों को देखना पड़ना है। वे वही मास्क और कपड़े लंबे समय तक पहनने के लिए मजबूर हैं जिन्हें नियमित अंतराल पर बदलने की जरूरत होती है। बीते दिनों चीन के अस्पताल में लंबे समय तक मास्क लगाकार काम करने वाली नर्सों की तस्वीरें सामने आईं। इनके चेहरे पर गहरे निशान पड़ चुके थे।
संक्रमित हो रहे डॉक्टर और नर्स
वुहान के एक सामुदायिक क्लीनिक के एक चिकित्सक ने बताया कि उनके कम से कम 16 सहयोगियों में कोरोना वायरस से मिलते जुलते लक्षण हैं। जैसे फेफडों में संक्रमण और खांसी आना आदि। सात फरवरी को चिकित्सक ली वेनलियांग की वुहान में मौत के बाद चिकित्साकर्मियों की खतरनाक स्थिति का पता चला था।
1 हजार से ज्यादा लोगों की हो चुकी मौत
बताते चलें कि चीन में इस खतरनाक जानलेवा कोरोना वायरस की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1 हजार से ऊपर हो गई है। एक दिन में इस वायरस से मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है ये संख्या 200 पार कर गई है। अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 45 हजार से ज्यादा बताई जा रही है।
पैर पसार रहा है जानलेवा वायरस
बता दें कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर से बताई गई है। इस वायरस ने अब भयंकर रूप ले लिया है। इस वायरस के शुरुआती लक्षण की बाच करें तो मामूली ठंड, खांसी, छींकना और बुखार है। इस वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है। ऐसे में सावधानी ही इसका इलाज बताया जा रहा है। वायरस के कुछ केस चीन के अलावा अमेरिका, फ्रांस, भारत, पाकिस्तान और कनाडा में भी नजर आए हैं।