
हॉन्गकॉन्ग। हॉन्गकॉन्ग में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने घातक रूप ले लिया है। यहां कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही है। स्थिति यह हो गई है कि अस्पताल के बाहर रखकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। खुले में बेड लगा दिए गए हैं।
हॉन्गकॉन्ग की सरकार कोरोना महामारी की 5वीं लहर से निपटने में संघर्ष कर रही है। स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। अधिकतर मरीज कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) से पीड़ित मिल रहे हैं। संक्रमण का फैलाव धीमा करने के लिए शहर में लॉकडाउन लगा है। बुधवार को रिकॉर्ड 4285 नए मामले सामने आए।
शी जिनपिंग ने किया हस्तक्षेप
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए स्थानीय नेताओं से सभी आवश्यक उपाय करने का आग्रह किया है। कोरोना संक्रमण मामले में शी जिनपिंग की यह टिप्पणी चीन के विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में कड़े नियंत्रण का संकेत दे रही हैं। चीन शून्य कोविड नीति का पालन कर रहा है।
10 हजार से अधिक मरीज कर रहे अस्पताल में जगह मिलने का इंतजार
हॉन्गकॉन्ग में 10 हजार से अधिक मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने का इंतजार करना पड़ रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यहां रोज मिल रहे नए मरीजों की संख्या बढ़कर 28 हजार तक पहुंच सकती है। हॉगकॉन्ग के अधिकारियों के अनुसार कोरोना के चलते पिछले 24 घंटे में नौ मरीजों की मौत हुई है। इसमें एक तीन साल की बच्ची भी शामिल है।
75 लाख लोगों के शहर हॉगकॉन्ग के 26 हजार लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है और 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है। यह संख्या अन्य समान आकार के शहरों से काफी कम है। लॉकडाउन के चलते शहर के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें लंबे समय से पब, जिम और चर्च जैसे अधिकांश सार्वजनिक स्थानों को बंद करने और गंभीर यात्रा प्रतिबंधों सहित कड़े उपायों को सहना पड़ा है।
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