Covid 19 Update : इजराइल ने सबसे पहले शुरू की थी बूस्टर डोज, जानें- किन देशों में लग रही Vaccine की तीसरी डोज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को 10 जनवरी से वैक्सीन की बूस्टर डोज देने का ऐलान किया है। वैक्सीन की बूस्टर डोज 60 से अधिक उम्र वाले उन लोगों को भी दी जाएगी, जो हाई रिस्क कैटेगरी में हैं।

Asianet News Hindi | Published : Dec 26, 2021 9:19 AM IST / Updated: Dec 26 2021, 03:33 PM IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हेल्थकेयर (Health Care workers) और फ्रंटलाइन वर्कर्स (Frontline workers) को 10 जनवरी से वैक्सीन (Vaccine) की बूस्टर डोज (Booster) देने का ऐलान किया है। बूस्टर डोज 60 से अधिक उम्र वाले उन लोगों को भी दी जाएगी, जो हाई रिस्क कैटेगरी में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स  के मुताबिक देश में वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच का अंतर 9 से 12 महीने तक हो सकता है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जाएगा। भारत से पहले कई देश कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज (Covid 19 Vaccine Booster dose) पहले ही शुरू कर चुके हैं। जानें, किन देशों में वैक्सीन की बूस्टर डोज कब से लगाई जा रही है। 

 इजराइल : इस देश ने बूस्टर डोज देने की शुरुआत सबसे पहले की थी। वह जुलाई से ही अपने नागरिकों को वैक्सीन का बूस्टर डोज दे रहा है। अब तक 40 लाख से भी ज्यादा लोगों को वैक्सीन का तीसरा डोज लग चुका है। अगस्त में केवल 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ही वैक्सीन का तीसरा डोज दिया जा रहा था, लेकिन फिलहाल 12 से ज्यादा उम्र के लोगों को बूस्टर डोज दिया जा रहा है।

अमेरिका : सितंबर में फ्रंट लाइनर्स और हेल्थ वर्कर्स के अलावा 65 साल से ऊपर वाले गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को बूस्टर डोज शुरू की गई थी। नवंबर में यहां फाइजर और मॉडर्ना कोविड वैक्सीन बूस्टर को 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को देने की अनुमति दे दी है।  

कनाडा : नवंबर से बूस्टर डोज देने की शुरुआत की है। यहां पर मॉडर्ना और फाइजर की वैक्सीन के बूस्टर डोज दिए जा रहे हैं। कोमॉर्बिडिटी और उम्र के हिसाब से डोसेस की क्वांटिटी को अलग-अलग रखा गया है। 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोग फाइजर का बूस्टर डोज लगा वा सकते हैं।

न्यूजीलैंड : यहां वैक्सीन दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच का अंतर 6 से 4 महीने तक कम कर दिया गया है। इस देश में 82 प्रतिशत लोग फरवरी तक बूस्टर डोज के पात्र हो जाएंगे। यहां वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है।  

जापान : एक दिसंबर से इस देश में हेल्थ वर्कर्स (Health workers) को कोविड-19 रोधी टीके (Vaccine)की बूस्टर डोज (Booster Dose) शुरू की गई है। जिन हेल्थ वर्कर्स ने 9 महीने से अधिक समय पहले वैक्सीन लगवा ली थी, उन्हें बूस्टर डोज देकर अगली लहर से लड़ने की सुरक्षा दी जा रही है। 

ब्रिटेन : ब्रिटेन की वैक्सीनेशन (Vaccination) प्रोग्राम से जुड़ी एक समिति ने बूस्टर डोज (Booster Dose) को 18-39 वर्ष के सभी लोगों के लिए बढ़ाने की सलाह दी है। समिति ने सेकंड डोज और बूस्टर डोज (Booster Dose) के बीच के अंतर को घटाकर तीन महीने कर दिया है। 12 से 15 वर्ष तक की उम्र के सभी लोगों को अब फाइजर/बायोएनटेक की वैक्सीन की दूसरी डोज लेने की सलाह दी गई है, जो पहली डोज के 12 हफ्ते बाद लेनी होगी। 3 डोज ले चुके गंभीर रूप से बीमार और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को अब चौथी बूस्टर डोज देने की सलाह दी गई है। 

फ्रांस : 26 नवंबर को यहां बूस्टर डोज शुरू की गई। यहां दूसरी डोज के पांच महीने बाद बूस्टर डोज लगाई जा रही है। पहले यह अंतराल 6 महीने का था। फ्रांस सरकार का कहना है कि हमारे पास राष्ट्रव्यापी ‘बूस्टर' अभियान शुरू करने के लिए पहले से ही पर्याप्त टीके उपलब्ध हैं। 

चीन : अगस्त में चीन ने वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके लोगों को अब बूस्टर डोज (Booster Shot) देने की घोषणा की थी। फोसुन फार्मा और जर्मनी के बायोएनटेक की MRNA वैक्सीन का बूस्टर डोज उन लोगों को दिया जा रहा है, जो चीनी वैक्सीन लगवा चुके हैं। चीन काफी पहले अपनी पूरी आबादी को वैक्सीनेट कर चुका है। 

इन देशों में दी जा रही बूस्टर डोज
अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रिया, चीन, फ्रांस, चेक रपब्लिक, जर्मनी, हंगरी, आयरलैंड, इटली, नॉर्वे, पोलैंड, स्पेन, स्वीडन, इजराइल, बेल्जियम, बुल्गारिया, डेनमार्क, फिनलैंड, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, जापान, तुर्की, चिली, दक्षिण कोरिया। 


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