ढाका, कराची और लाहौर में लोगों का दम घुट रहा, लंबे समय से दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर बने हुए हैं

सर्दी के साथ ही वायु प्रदूषण(air pollution) की समस्या बढ़ जाती है। हम सिर्फ दिल्ली को लेकर ही अधिक खबरें पढ़ते हैं, लेकिन ये कुछ भी नहीं है। हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश के तीन शहरों का AQI दिल्ली से भी खराब स्थिति में हैं।

Amitabh Budholiya | Published : Dec 16, 2022 8:52 AM IST / Updated: Dec 16 2022, 02:54 PM IST

वर्ल्ड न्यूज. सर्दी के साथ ही वायु प्रदूषण(air pollution) की समस्या बढ़ जाती है। हम सिर्फ दिल्ली को लेकर ही अधिक खबरें पढ़ते हैं, लेकिन ये कुछ भी नहीं है। हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश के शहरों का इससे भी बुरा हाल है। तमाम सख्ती के बावजूद वायु गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स(AQI) अभी भी बहुत खराब कैटेगरी में बना हुआ है। पढ़िए ताजा मामला...


बांग्लादेश की राजधानी ढाका का शुक्रवार(16 दिसंबर) सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index-AQI) में दुनिया में दूसरे स्थान पर सबसे खराब स्थान पर रहा। सुबह 10.30 बजे शहर का एक्यूआई स्कोर 245 था। इस लिस्ट में पाकिस्तान का कराची और लाहौर क्रमशः पहले और तीसरे स्थान पर रहा। 101 और 200 के बीच एक्यूआई स्कोर का मतलब है कि आम जनता, विशेष रूप से सेंसेटिव ग्रुप्स में प्रतिकूल प्रभाव और दिल और फेफड़ों के खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। AQI, दैनिक वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट करने के लिए एक सूचकांक है, जो लोगों को अलर्ट करता है कि शहर की हवा कितनी साफ या प्रदूषित है और इससे जुड़े स्वास्थ्य प्रभाव उनके लिए चिंता का विषय हो सकते हैं।

Latest Videos

बांग्लादेश में, AQI पांच मानदंडों के प्रदूषकों पर आधारित है-पार्टिकुलेट मैटर (PM10 और PM2.5), NO2, CO, SO2 और ओजोन (O3)। पर्यावरण विभाग ने इन प्रदूषकों के लिए राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक(ambient air quality standards) भी निर्धारित किए हैं। इन मानकों का उद्देश्य प्रतिकूल मानव स्वास्थ्य प्रभावों से रक्षा करना है।
दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले शहरों में से एक ढाका लंबे समय से वायु प्रदूषण से जूझ रहा है। हवा की गुणवत्ता आमतौर पर गर्मियों के दौरान भी बिगड़ जाती है और मानसून के दौरान सुधार के संकेत दिखाती है।


पार्टिकुलेट मैटर या पीएम हवा में पाए जाने वाले कणों को दर्शाता है। इसमें पॉल्युशन फैलाने वालेधूल, कालिख, गंदगी, धुआं और तरल बूंदें शामिल हैं।

PM2.5 कणों का व्यास 2.5 माइक्रोन या उससे कम होता है। PM2.5 कण इतने छोटे होते हैं कि उन्हें केवल इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है।

PM2.5 स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है। 1 अपने छोटे आकार के कारण, PM2.5 लंबे समय तक हवा में रह सकते हैं। 

 बता दें कि 0-50 के बीच का एक्यूआई अच्छा, 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब और 401-500 गंभीर माना जाता है।

यह भी पढ़ें
पिछले 8 सालों में अक्टूबर-नवंबर में सबसे कम खराब रही दिल्ली की हवा, जानिए क्या है इसकी वजह
दिल्ली से पाकिस्तान तक हवा खराब, लाहौर में वीक में 3 दिन स्कूल बंद रखने का आदेश, जानिए पूरी डिटेल्स
दिल्ली से भी बदतर हुई मुंबई की हवा, घने कोहरे के चलते 50 मीटर आगे देखना बंद, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

 

Share this article
click me!

Latest Videos

कोलकाता केसः डॉक्टरों के आंदोलन पर ये क्या बोल गए ममता बनर्जी के मंत्री
घूंघट में महिला सरपंच ने अंग्रेजी में दिया जोरदार भाषण, IAS Tina Dabi ने बजाई तालियां
PM Modi LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया
कौन सी चीज को देखते ही PM Modi ने खरीद डाली। PM Vishwakarma
पितरों को करना है प्रसन्न, घर में ही कर सकते हैं ये 10 उपाय । Pitra Paksh