UNSC में जयशंकर ने चीन-पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करके कहा-9/11 और 26/11 दुबारा नहीं होने देंगे

 विदेश मंत्री एस जयशंकर ने UNSC की ब्रीफिंग में 9/11 और 26/11 आतंकी हमलों का जिक्र करके कहा कि हम ऐसे हमले दुबारा नहीं होने देंगे। जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश नहीं करना चाहिए।

Amitabh Budholiya | Published : Dec 16, 2022 1:02 AM IST / Updated: Dec 16 2022, 06:33 AM IST

संयुक्त राष्ट्र(United Nations). विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार(15 दिसंबर) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(UNSC) की ब्रीफिंग में अमेरिका में हुए आतंकी हमले-9/11 और मुंबई आतंकी हमला-26/11 का जिक्र करके कहा कि हम ऐसे हमले दुबारा नहीं होने देंगे। जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश नहीं करना चाहिए। आतंकवाद से निपटने अपने राजनीतिक मतभेद दूर करके एक होना चाहिए। जानिए और क्या बोले जयशंकर?‌


गुरुवार को यहां कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वापस आने को लेकर उत्सुक है। जयशंकर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भारत की वर्तमान अध्यक्षता के तहत आयोजित आतंकवाद-निरोध और बहुपक्षवाद में सुधार(counter-terrorism and reformed multilateralism) पर दो हस्ताक्षर कार्यक्रमों की अध्यक्षता करने के लिए यहां पहुंचे थे।  


देश के 15 सदस्य देशों के वर्ल्ड बॉडी में टॉप आर्गन के रूप में निर्वाचित सदस्य के रूप में दो साल का कार्यकाल इस महीने समाप्त होने से पहले जयशंकर ने कहा-"मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने 2028-29 के लिए परिषद में अपने अगले कार्यकाल के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है और हम वापस आने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि भारत 31 दिसंबर को  2021-22 के निर्वाचित सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल को पूरा करने की तैयारी कर रहा है। 


आतंकवाद विरोधी पर हस्ताक्षर कार्यक्रम की अध्यक्षता करने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्टेकआउट में पत्रकारों को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि दिसंबर भारत की सुरक्षा परिषद की वर्तमान सदस्यता का आखिरी महीना है, आठवीं बार जब भारत पावरफुल हॉर्स-शू टेबल(शक्तिशाली मेज) पर बैठा था।

उन्होंने कहा, "हमारी इस आठवीं पारी के दौरान हमने समसामयिक प्रासंगिकता(contemporary relevance) के कई विषयों जैसे समुद्री सुरक्षा, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में टेक्नोलॉजी, संयुक्त राष्ट्र में सुधार और आतंकवाद का मुकाबला करने को संयुक्त राष्ट्र में एजेंडे और बहस के केंद्र में लाने का प्रयास किया है।"

हमने चिंता के कई मुद्दों पर ग्लोबल साउथ की आवाज बनने की भी मांग की है। जयशंकर ने सुरक्षा परिषद के अपने साथी सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमने न केवल उनके हितों और चिंताओं को व्यक्त करने की कोशिश की है, बल्कि यह भी देखने की कोशिश की है कि क्या हम परिषद में एक सेतु की भूमिका निभा सकते हैं?

उन्होंने कहा, उनके साथ काम करना सुखद रहा। परिषद में भारत के पिछले 8 टर्म-1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 और 2011-2012 रहे हैं। 1 दिसंबर को भारत ने सुरक्षा परिषद की मंथली रोटेशन प्रेसिडेंसी ग्रहण की थी। अगस्त 2021 के बाद दूसरी बार जब भारत निर्वाचित यूएनएससी सदस्य के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान परिषद की अध्यक्षता कर रहा है। भारत का परिषद में 2021-2022 का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। भारत सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार के प्रयासों में सबसे आगे रहा है।

भारत ने जोर देकर कहा है कि परिषद अपने मौजूदा स्वरूप में आज की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती है और अगर भारत जैसी विकासशील शक्तियों के पास मेज पर स्थायी सीट नहीं है, तो इसकी विश्वसनीयता खतरे में है।

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