कोरोना के कहर से हारा US, प्रवासियों की एंट्री पर लगी रोक; भारतीय छात्र और IT पेशेवर पर कोई असर नहीं

अमेरिका ने 60 दिनों के लिए प्रवासियों के एंट्री पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। इस दौरान किसी भी बाहरी व्यक्ति को बसने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हालांकि इससे राहत की बात है कि भारतीय छात्र और आईटी पेशवरों को इससे कोई नुकसान नहीं होगा। 
 

Asianet News Hindi | Published : Apr 22, 2020 3:24 AM IST / Updated: Apr 22 2020, 09:44 AM IST

वॉशिंगटन. कोरोना वायरस महामारी के कहर से जूझ रहे अमेरिका ने 60 दिनों के लिए प्रवासियों के एंट्री पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार सुबह ये बड़ा ऐलान किया है। अमेरिका में अब अगले 60 दिनों तक किसी भी बाहरी व्यक्ति को बसने की इजाजत नहीं दी जाएगी। कोरोना वायरस की वजह से खड़े हुए अर्थव्यवस्था पर संकट को देखते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने ये फैसला लिया है।

समाचार एजेंसी के मुताबिक, डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा है-'मैं संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका में इमिग्रेशन पर अस्‍थाई रोक लगाऊंगा। यह रोक 60 दिनों के लिए प्रभावी रहेगा। इसके बाद उस समय की आर्थिक स्थितियों के आधार पर किसी भी विस्तार या संशोधन की आवश्यकता का मूल्यांकन किया जाएगा।' 

Latest Videos

अमेरिकी लोगों के लिए नौकरी बचानी है 

इससे पहले डोनाल्‍ड ट्रंप ने मंगलवार सुबह ट्वीट किया था, 'अदृश्‍य दुश्‍मन के हमले की वजह से जो स्थिति पैदा हुई है, उसमें हमें हमारे महान अमेरिकी नागरिकों की नौकरी बचाकर रखना है। इसी को देखते हुए मैं एक ऑर्डर पर साइन कर रहा हूं, जो अमेरिका में बाहरी लोगों के बसने पर रोक लगा देगा।' 

भारतीय छात्र और आईटी पेशवर नहीं होंगे प्रभावित 

अमेरिका के इस निर्णय का कोई असर न तो भारतीय आईटी पेशेवरों पर होगा और न ही छात्रों पर। ऐसा इसलिए क्योंकि यह घोषणा अमेरिका में प्रवासियों पर सीधे असर करेगी। छात्र और आईटी पेशेवर प्रवासियों की कैटेगरी में नहीं आते। उन्हें नॉन इमिग्रेंट के रूप में माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि छात्र और अन्य लोग अमेरिका के विकल्प के तौर पर कनाडा और ऑस्ट्रेलिया का रास्ता अपना सकते हैं।

चीन, यूरोप और कनाडा पर लागू है पहले से प्रतिबंध

राष्ट्रपति ट्रम्प ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए चीन, यूरोप, कनाडा और मैक्सिको की यात्रा पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके अलावा प्रशासन ने पिछले महीने सभी एम्बेसी और काउंसलेट्स की ओर से दी जाने वाली रूटीन वीजा सेवाओं पर रोक लगा दी थी। अमेरिकी सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज पहले ही इन-पर्सन सेवाओं पर रोक लगा चुका है। हालांकि, कुछ आपातकालीन सेवाएं दी जा रही हैं।

दो लाख भारतीयों ने किया है आवेदन

यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) के अनुसार एच-1बी वीजा रजिस्ट्रेशन के लिए 2 लाख 75 हजार आवेदन मिले हुए हैं। इसमें से 67.7 फीसदी यानी करीब दो लाख आवेदन केवल भारत से हैं। हर साल अमेरिकी कंपनियों में विदेशी कर्मचारियों के लिए 85 हजार एच-1बी वीजा जारी किए जाते हैं।

24 घंटे में 2804 लोगों की मौत

कोरोना वायरस से दुनिया में अब तक 25 लाख 56 हजार 725 संक्रमित हो चुके हैं। एक लाख 77 हजार 618 की मौत हो चुकी है, जबकि छह लाख 90 हजार 329 ठीक हुए हैं। वहीं, अमेरिका में 24 घंटे में 2,804 लोगों की जान गई है। यहां मौतों का आंकड़ा 45 हजार से ज्यादा हो गया है। जबकि अब तक 8 लाख से अधिक लोग संक्रमण के शिकार हुए हैं। 

Share this article
click me!

Latest Videos

कौन थी महालक्ष्मीः हेमंत से शादी-अशरफ से दोस्ती, नतीजा- बॉडी के 40 टुकड़े । Bengaluru Mahalakshmi
सिर्फ एक क्लिक आपको पहुंचा सकता है जेल, आपके फोन में भी तो नहीं हैं ऐसे वीडियो । Child Pornography
दारोगा की घूस में निपट गए दीवानजी, घसीटते ले गई टीम #Shorts
आखिर क्यों 32 दिन में दोबारा जेलेंस्की से मिले PM Modi, सामने आया बड़ा प्लान
अमित शाह की कौन सी बात बांग्लादेश को चुभ गई, भारत को दे डाली सलाह । Amit Shah । Bangladesh