कोरोना से निपटने के बजाय पाकिस्तान पका रहा अलग खिचड़ी, निगरानी लिस्ट से हटाए 1800 आतंकियों के नाम

पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है। वहीं, कोरोना से निपटने से बजाय पाकिस्तान अपने अलग ही मंसूबों को पूरा करने में लगा है। अब फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स यानी एफएटीएफ से बचने के लिए पाकिस्तान ने निगरानी लिस्ट से 1800 आतंकियों के नाम हटा दिए हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 21, 2020 10:59 AM IST / Updated: Apr 21 2020, 04:39 PM IST

इस्लामाबाद. पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है। वहीं, कोरोना से निपटने से बजाय पाकिस्तान अपने अलग ही मंसूबों को पूरा करने में लगा है। अब फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स यानी एफएटीएफ से बचने के लिए पाकिस्तान ने निगरानी लिस्ट से 1800 आतंकियों के नाम हटा दिए हैं। इनमें 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों का मास्टर माइंड और लश्कर कमांडर जकी उर रहमान लखवी भी शामिल है। 

FATF ने पाकिस्‍तान को 27 बिंदुओं पर कार्रवाई करन के लिए जून तक का वक्त दिया है। जून में एफएटीएफ की बैठक होनी है। उससे पहले ही पाकिस्तान ने यह हरकत की है। 

18 महीने में हटाए 4 हजार नाम 
अमेरिकी अखबार वॉल स्‍ट्रीट जनरल की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान की नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉर्टी इस लिस्ट को देखती है। इस संस्था का मुख्य काम है कि वित्तीय संस्थान इन संदिग्ध आतंकियों के साथ किसी भी तरह का बिजनेस ना करें। इस लिस्ट में 2018 में 7600 नाम रखे गए थे। अब तक इन्हें घटाकर 3800 कर दिया गया है। इस साल मार्च से लेकर अब तक 1800 नाम हटाए गए हैं। 

बिना कारण बताए हटा दिए नाम
उधर, इमरान सरकार ने नाम हटाने के पीछे कोई कारण भी नहीं बताया है। हालांकि, एक अफसर ने कहा, ये नाम हटाना अभियान का हिस्सा हैं। यह अभियान देश के एंटी टेररिज्म प्रयासों को मजबूती देने के वादे को पूरा करने के लिए चलाया जा रहा है। वहीं, अमेरिका सरकार में पॉलिसी एडवाइजर पीटर पैटेटस्‍की कहा कहना है कि एक साथ इतने संदिग्धों के नाम हटाना, असामान्य है।
 
पाकिस्तान गृह मंत्रालय के अफसर ने दी सफाई 
अंतरराष्‍ट्र‍ीय मानकों के मुताबिक, अगर निगरानी सूची से किसी आतंकवादी के नाम हटाए जाते हैं तो तुरंत उसकी जानकारी तत्‍काल वित्‍तीय क्षेत्र को देनी होती है। लेकिन  पाकिस्‍तान ने संदिग्‍ध आतंकवादियों के नाम हटाते वक्त ऐसा नहीं किया। वहीं, पाकिस्‍तान के गृह मंत्रालय के अफसर अकबर अवन ने सफाई दी, लिस्ट में संदिग्ध आतंकियों की संख्या काफी अधिक थी। इसमें कई गड़बड़ियां थीं। इस लिस्ट में कुछ ऐसे लोगों के नाम थे, जिनकी मौत हो गई। वहीं, कुछ ऐसे नाम थे, जिन्होंने अपराध किया, लेकिन वे आतंकी संगठन से नहीं थे। 

जून में एफएटीएफ की बैठक
जून में एफएटीएफ आतंकियों पर कार्रवाई के मामले में बैठक करेगा। इस बैठक में 27 बिंदुओं पर लिए गए एक्शन की समीक्षा होगी। हालांकि, कोरोना के चलते यह बैठक टल गई है। अगर पाकिस्तान इन बिंदुओं पर कार्रवाई करने में असफल रहता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है। 

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