
US-China conflict: एक बार फिर चीन और अमेरिका आमने-सामने होते दिख रहे हैं। ताइवान की मदद के बाद बौखलाए चीन ने अमेरिका से सीधा पंगा लेते हुए 45 अमेरिकी कंपनियों पर अबतक बैन लगाने का ऐलान कर दिया है। दूसरे राउंड के बैन में चीन की लिस्ट में दुनिया की बड़ी डिफेंस मैन्युफैक्चरर अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन, रेथियॉन, जनरल डायनेमिक्स आदि शामिल हैं। चीन ने 17 कंपनियों पर सीधे तौर पर बैन लगाया है तो 28 अन्य कंपनियों को एक्सपोर्ट बैन लिस्ट में डाल दिया है।
चीन ने अमेरिका की जिन प्रमुख कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है उसमें लॉकहीड मार्टिन, रेथियॉन और जनरल डायनेमिक्स जैसी बड़ी रक्षा निर्माता कंपनियों की सहायक इकाइयां शामिल हैं। इन कंपनियों को चीन के अनवर्लायबल एंटिटी लिस्ट में डाल दिया गया है। इस लिस्ट में आने के बाद इन कंपनियों को चीन में इंपोर्ट-एक्सपोर्ट एक्टिविटीज पर पूरी तरह से रोक होगी। इनको अब चीन में इन्वेस्टमेंट का परमिशन नहीं मिल सकेगा। साथ ही इनके टॉप मैनेजमेंट को चीन में एट्री पर बैन रहेगा।
दरअसल, अमेरिका और चीन के बीच तनाव की वजह ताइवान है। दरअसल, ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश मानता है जबकि चीन इसे अपना हिस्सा बताता है। चीन इस द्वीप को अपना अभिन्न हिस्सा बताता रहा है। हालांकि, ताइवान में लोकतांत्रिक सरकार है जबकि चीन में कम्युनिस्ट शासन। उधर, ताइवान का सबसे बड़ा रक्षा सहयोगी अमेरिका है। ताइवान के साथ अमेरिका लगातार हथियारों का व्यापार करता रहा है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ताइवान के लिए $571 मिलियन के रक्षा सहायता पैकेज को मंजूरी दी थी। इसके बाद चीन बौखला गया।
अमेरिका का ताइवान को मदद के बाद चीन ने कहा कि अमेरिकी कंपनियों का यह कदम चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करता है। यह चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है। चीन ने इसके बाद बताया कि अमेरिका की 28 कंपनियों को चीन की एक्सपोर्ट कंट्रोल लिस्ट में डाल दिया। इन कंपनियों में अधिकतर डिफेंस कंपनियां हैं। इन कंपनियों को दोहरे उपयोग (डुअल-यूज) वाले सामानों के निर्यात पर स्थायी रूप से रोक लगाई गई है।
ताइवान के मुद्दे पर चीन ने न केवल प्रतिबंध लगाए हैं बल्कि सैन्य दबाव भी बढ़ाया है। चीन ने पिछले कुछ महीनों में ताइवान के पास तीन बड़े सैन्य अभ्यास किए हैं। नए साल की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ताइवान को लेकर सख्त चेतावनी दी और इसे वापस लेने के लिए बल प्रयोग से इनकार नहीं किया।
ताइवान के प्रति अमेरिका के समर्थन और हथियारों की बिक्री को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। चीन का यह कदम दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद को और गहरा कर सकता है।
यह भी पढ़ें:
दो देशों के बीच मोहब्बत का सफर: जानें क्यों रानी ने बादल से मुंह मोड़ा
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।