गोटबाया राजपक्षे ने श्रीलंका के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 13 जुलाई को लिखे(जिसे 14 तारीख को ईमेल किया गया) इस्तीफे में तीन बड़े कारणों को देश की बर्बादी की वजह बताया है। पहला-ईस्टर पर सीरियल ब्लास्ट, दूसरा कोरोना और तीसरा जैविक खेती का आदेश। पढ़िए इस्तीफे में क्या खास कहा...
वर्ल्ड न्यूज. श्रीलंका में महंगाई (inflation) पिछले महीने 54.6% पर पहुंच गई। केंद्रीय बैंक ने चेतावनी दी है कि आने वाले महीनों में यह 70% तक बढ़ सकती है। इस बीच गोटबाया राजपक्षे(Gotabaya Rajapaksa) ने राष्ट्रपति पद से अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने 13 जुलाई को लिखे (जिसे 14 तारीख को ईमेल किया गया) इस्तीफे में तीन बड़े कारणों को देश की बर्बादी की वजह बताया है। पहला-ईस्टर पर सीरियल ब्लास्ट, दूसरा कोरोना और तीसरा जैविक खेती का आदेश। पढ़िए इस्तीफे में क्या खास कहा...
ईस्टर पर हुए थे सीरियल ब्लास्ट- 21 अप्रैल 2019 को ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। इस हमले के लिए इस्लामिक चरमपंथियों को दोषी माना गया था। दक्षिण एशिया में इस्लामिक स्टेट से जुड़े स्थानीय मुस्लिम समूह के सात आत्मघाती हमलावरों ने तीन गिरिजाघरों और लक्जरी होटलों में हमला किया था, जिसमें 258 लोग मारे गए थे और लगभग 500 लोग घायल हो गए थे। इसके बाद श्रीलंका में रहने वाली 10 फीसदी मुस्लिम आबादी पर कई पाबंदियां लगा दी गई थीं। लेकिन श्रीलंका के खराब आर्थिक हालात से उपजे संकट में मुसलमानों को एकजुट कर दिया। सरकार के खिलाफ आंदोलनों में इनका भी बड़ा योगदान रहा है।
श्रीलंका में कोरोना के कारण उद्योगों का हश्र-12 वीं शताब्दी ई. पूर्व में इटली के खोजकर्ता मार्को पोलो ने कहा था कि श्रीलंका दुनिया में अपने आकार का सबसे अच्छा द्वीप है। श्रीलंका में पर्यटन क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद(Gross Domestic Product) का करीब 12% है। इसे विदेशी मुद्रा भंडार(foreign exchange reserves) का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत माना जाता रहा। लेकिन 2019 में ईस्टर हुए बम ब्लास्ट के बाद पर्यटन उद्योग बेपटरी हो गया। फिर जब 2020 में Covid-19 आया, तो श्रीलंका में पहला केस मिलते ही लॉकडाउन लगा दिया गया। इसका कुछ नेताओं ने भरपूर फायदा उठाया। कोरोना से अर्थव्यवस्था और चरमरा गई।
जैविक खेती(Organic farming) को लेकर गलत फैसला-पहले ईस्टर और फिर कोरोना के चलते श्रीलंका की माली हालत पहले से ही खराब होती जा रही थी, उस पर अप्रैल, 2021 में सरकार ने देश की पूरी खेती को रासायनिक खाद और कीटनाशक(chemical fertilizers and pesticides) से मुक्त कर 100% जैविक खेती करने का ऐलान कर दिया। कीटनाशकों, उर्वरकों और कृषि रसायनों के आयात और उपयोग को बैन कर दिया। श्रीलंका के किसान इतनी जल्दी इसके लिए तैयार नहीं थे, नतीजा उद्योगों के बाद खेती-किसानी भी बर्बाद हो गई।
राजपक्षे ने अपने इस्तीफे में यह भी जिक्र किया
मैंने जनता की आवाज सुनकर, जैसा कि आपसे वादा किया गया था, राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। 69 लाख लोगों के राष्ट्रपति के रूप में आपके सामने शपथ लेते हुए प्रत्येक श्रीलंकाई नागरिक की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के लिए काम किया।
31 मार्च 2022: आर्थिक संकट गहराने पर श्रीलंका में प्रदर्शन का दौर
1 अप्रैल: राष्ट्रपति गोठबाया राजपक्षे ने नेशनवाइड इमरजेंसी का ऐलान किया
3 अप्रैल: मंत्रिमंत्रडल भंग किया गया, लेकिन PM महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा देने से इनकार किया
9 अप्रैल: PM ऑफिस के बाहर जबर्दस्त प्रदर्शन
9 मई: हिंसा होने के बाद PM महिंदा राजपक्षे को इस्तीफा देना पड़ा
9 जुलाई: प्रदर्शनकारी ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा किया, PM रानिल विक्रमसिंघे ने इस्तीफे का ऐलान किया
10 जुलाई: राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे राष्ट्रपति भवन छोड़कर भागे
11 जुलाई: संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने बताया कि देश में 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव होगा। हालांकि तब तक दावा किया था कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश में ही मौजूद हैं
13 जुलाई: श्रीलंका से भागकर राजपक्षे मालदीव पहुंचे। गोटबाया सोवियत काल के एंटोनोव एएन-32 प्राइवेट प्लेन से अपनी पत्नी और दो बॉडीगार्ड को लेकर मालदीव पहुंचे थे।
14 जुलाई: गोटबाया मालदीव से सिंगापुर पहुंचे और यहां से ईमेल के जरिये अपना इस्तीफा भेज दिया
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