सार
गोटबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बावजूद स्थितियां ठीक नहीं हैं। श्रीलंका के सामने सबसे बड़ा संकट आर्थिक है। इस बीच एक सवाल यह सबके सामने हैं कि गोटबाया को शरण कौन देगा? क्योंकि श्रीलंका के लोग 30 दिनों से कम बिना वीजा के सिंगापुर की यात्रा कर सकते हैं। इसलिए गोटबाया की सिंगापुर यात्रा को निजी बताया गया है। पढ़िए कुछ अन्य अपडेट
वर्ल्ड न्यूज. संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने शुक्रवार को ऐलान किया कि श्रीलंका को सात दिन के अंदर नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव 22 जुलाई को होगा। प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ने कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर पद संभाल लिया है। श्रीलंका के चीफ जस्टिस जयंत जयसूर्या ने उन्हें शपथ दिलाई। ससंद की बैठक शनिवार को होगी। अभयवर्धने ने लोगों ने शांति की अपील की और कहा कि वे राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में भाग लें।
इधर, करप्शन और सरकारी की गलत नीतियों की भेंट चढ़े श्रीलंका के सामने आगे भी बड़ी चुनौतियां हैं, क्योंकि महंगाई और बढ़ने की आशंका है। श्रीलंका में हेडलाइन मुद्रास्फीति(Headline inflation) पिछले महीने 54.6% पर पहुंच गई और केंद्रीय बैंक ने चेतावनी दी है कि आने वाले महीनों में यह 70% तक बढ़ सकती है। इधर, अपने देश को आर्थिक और राजनीतिक संकट (Economic Crisis in Sri Lanka) में झोंककर भागे गोटबाया राजपक्षे(Gotabaya Rajapaksa) इस समय सिंगापुर में हैं। इस बीच एक सवाल यह सबके सामने हैं कि गोटबाया को शरण कौन देगा? क्योंकि श्रीलंका के लोग 30 दिनों से कम बिना वीजा के सिंगापुर की यात्रा कर सकते हैं। इसलिए गोटबाया की सिंगापुर यात्रा को निजी बताया गया है। पढ़िए कुछ अन्य अपडेट
मालदीव से सिंगापुर पहुंचे गोटबाया
गोटबाया राजपक्षे(Gotabaya Rajapaksa) 14 जुलाई की शाम सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। हालांकि सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि यह उनकी निजी यात्रा है। उन्होंने न शरण(asylum) मांगी है और न दी गई है। इससे पहले गोटबाया सोवियत काल के एंटोनोव एएन-32 प्राइवेट प्लेन से अपनी पत्नी और दो बॉडीगार्ड को लेकर बुधवार तड़के(13 जुलाई) कोलंबो से मालदीव पहुंचे थे। सिंगापुर पहुंचने के बाद उन्होंने संसद अध्यक्ष को ईमेल से अपना इस्तीफा भेज दिया है। उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। वे पहले श्रीलंकाई राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने इस्तीफा दिया है।
क्या से क्या हुए गोटबाया राजपक्षे
1948 में स्वतंत्रता के बाद के इतिहास में राजपक्षे श्रीलंका के सबसे शक्तिशाली राजनीतिक परिवारों में से एक थे। हालांकि गोटबाया अपने बड़े भाई महिंदा के विपरीत (जो राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के रूप में लगभग 20 वर्षों तक श्रीलंका की राजनीति पर हावी रहे) पॉलिटिक्स में आने के इच्छुक नहीं थे। वे 21 साल की उम्र में सेना में शामिल हुए और दो दशकों तक इसकी सेवा। वे लेफ्टिनेंट-कर्नल के पद तक पहुंचे। फिर रिटायरमेंट लेकर अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी में काम किया।
सेना को बल प्रयोग की छूट
श्रीलंका की सेना ने एक बयान में कहा कि आर्म्ड फोर्स को लीगल तौर पर अपने बल का इस्तेमाल करने का अधिकार है, यदि मामला पब्लिक प्रॉपर्टीज, प्रमुख प्रतिष्ठानों या मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़ा है तो। बता दें कि सेना ने ऐलान किया है कि यदि आवश्यक हो, तो सशस्त्र बलों घातक बल का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि अभी तक सेना प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच कोई गंभीर संघर्ष नहीं हुआ है।
ये अभी देश नहीं छोड़ सकेंगे
पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे और पूर्व वित्त सचिव एसआर एटिगले ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जब तक उनके खिलाफ दायर मौलिक अधिकार याचिका(Fundamental Rights petition) पर सुनवाई नहीं हो जाती, तब तक वे देश नहीं छोड़ेंगे। सेंट्रल बैंक के पूर्व गवर्नर अजीत निवार्ड काबराल ने भी यही बात कही। यह याचिका सीलोन चैंबर ऑफ कॉमर्स (CCC) के पूर्व अध्यक्ष चंद्र जयरत्ने ने दायर की है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से मौजूदा आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार लोगों की जांच करने की मांग की गई है।
जानिए श्रीलंका में पिछले 4 महीन में कब क्या हुआ?
31 मार्च 2022: आर्थिक संकट गहराने पर श्रीलंका में प्रदर्शन का दौर
1 अप्रैल: राष्ट्रपति गोठबाया राजपक्षे ने नेशनवाइड इमरजेंसी का ऐलान किया
3 अप्रैल: मंत्रिमंत्रडल भंग किया गया, लेकिन PM महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा देने से इनकार किया
9 अप्रैल: PM ऑफिस के बाहर जबर्दस्त प्रदर्शन
9 मई: हिंसा होने के बाद PM महिंदा राजपक्षे को इस्तीफा देना पड़ा
9 जुलाई: प्रदर्शनकारी ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा किया, PM रानिल विक्रमसिंघे ने इस्तीफे का ऐलान किया
10 जुलाई: राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे राष्ट्रपति भवन छोड़कर भागे
11 जुलाई: संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने बताया कि देश में 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव होगा। हालांकि तब तक दावा किया था कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश में ही मौजूद हैं
13 जुलाई: श्रीलंका से भागकर राजपक्षे मालदीव पहुंचे। गोटबाया सोवियत काल के एंटोनोव एएन-32 प्राइवेट प्लेन से अपनी पत्नी और दो बॉडीगार्ड को लेकर मालदीव पहुंचे थे।
14 जुलाई: गोटबाया मालदीव से सिंगापुर पहुंचे और यहां से ईमेल के जरिये अपना इस्तीफा भेज दिया
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